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प्रधानमंत्री निक्षय योजना के तहत हम सभी टीबी के खिलाफ एक बड़ी जंग लड़ रहे हैं: CDO


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कृष्णांजलि में 1000 क्षय रोगियों को प्रदान की गयी पोषण पोटली*

*सामाजिक संस्थाओं एवं औद्योगिक घरानांे की मदद से 2025 तक टीबी मुक्त भारत के क्रम में अलीगढ़ समेत पूरा मंडल और देश होगा टीबी मुक्त*

अलीगढ़ जनपद जेके और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे निक्षय मित्रों का आभारी: मण्डलायुक्त


अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो, अलीगढ़ 23 जून 2023 (सू0वि0). मण्डलायुक्त नवदीप रिणवा की अध्यक्षता में शुक्रवार को कृष्णांजलि सभागार में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 1000 क्षय रोगियों को पोषण सामिग्री का वितरण किया गया। मण्डलायुक्त ने पोषण वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जेके सीमेंट एवं अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा गत दिवस क्रमशः1400, 1400 क्षय रोगियों को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत गोद लिया गया था जिसके क्रम गत 21 जून को 500 क्षय रोगियों को पोषण पोटली का वितरण इनके सौजन्य से किया गया। इसी क्रम में आज 1000 मरीजों को पोषण पोटली का वितरण वृहद स्तर पर किया जा रहा है। 

मण्डलायुक्त ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से क्षय रोगियों की मदद के लिए सामाजिक संस्थाएं, औद्योगिक घराने सामने आये हैं उससे निश्चित ही प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए लक्ष्य वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के क्रम मे अलीगढ़ समेत पूरा मंडल और देश टीबी मुक्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि निक्षय मित्रों के कारण क्षय रोगी को जो पोषण सामग्री मिलती है उससे क्षय रोगियों के ठीक होने की उम्मीद पहले से अधिक बढ़ जाती है, पोषण सामग्री और दवा द्वारा के एक साथ काम करने से रोगी ससमय ठीक हो जाता है। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं, औद्योगिक घरानों व सामाजिक लोगों से आव्हान किया कि बाकी क्षय रोगियों को भी बढ़ चढ़ कर गोद लें और अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें जिससे क्षय उन्मूलन में उनके योगदान को याद रखा जा सके। उन्होंने जेके सीमेंट और अल्ट्राटेक सीमेंट के पदाधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अलीगढ़ जनपद ऐसे निक्षय मित्रों का आभारी है जो क्षय रोगियों की मदद के लिए आगे आये हैं। 

प्रभारी जिलाधिकारी एवं सीडीओ आकांक्षा राना ने कहा कि प्रधानमंत्री निक्षय योजना के तहत हम सभी टीबी के खिलाफ एक बड़ी जंग लड़ रहे हैं। प्राचीन समय में इस बीमारी को श्राप समझा जाता था, फिर हमारे वैज्ञानिकों द्वारा खोज की गई कि इसका बैक्टीरिया होता है। दवाई का भी पता लगाया गया। समय से टीवी की पहचान और नियमित दवा के सेवन से यह बीमारी दूर भाग जाती है। उन्होंने कहा कि एक बार टीबी की दवा आरंभ करने के बाद बिना चिकित्सीय परामर्श के उसे छोड़ना नहीं है। यदि रोगी दवा को बीच में ही छोड़ देते हैं तो इसके कीटाणु और ताकतवर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सीय परामर्श के अनुसार आरंभ की गई दवा के नियमित सेवन और अच्छे पोषण से हम इस बीमारी को जड़ से समाप्त कर सकते हैं। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीरज त्यागी ने बताया कि नवजात बच्चे को डेढ़ माह के अंदर बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं। इससे टीवी बीमारी की संभावना कम से कमतर हो जाती है। 2 सप्ताह या अधिक समय से खांसी होना या बुखार आना, वजन में कमी आना, भूख ना लगना, बलगम में खून आना टीबी के लक्षण हैं ऐसे में संक्रमित को तुरन्त चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। मंडलायुक्त ने कार्यक्रम में राहुल, कन्हैया, कमलेश, रेहाना, हेमलता, विमलेश, नरगिस, आरती, हाजरा, शमशाद, अलीशा, मोनिका, राशि, लता, छाया, अनिल को प्रतीक स्वरूप पोषण किट प्रदान की। कार्यक्रम के अंत मंे मण्डलयुक्त द्वारा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम को धन्यवाद भी दिया गया।

इस अवसर पर डीटीओ डा0 अनुपम भास्कर, अल्ट्राटेक यूनिट हेड रंजन श्रीवास्तव, एडमिन हैड बसंत कुमार खरे, जेके सीमेंट यूनिट हेड हेमंत दबे, एचआर हेड एके गौतम, डब्ल्यूएचओ से डा0 उमर आकिल मौजूद रहे।

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