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शिक्षा विभाग की डॉ. नूरा अब्दुल कादर को प्रमुख शोध अनुदान से सम्मानित.. पढ़िए और भी एएमयू की खबर


अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो अलीगढ़ : भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सर सैयद अकादमी द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने जी20 मंच के प्रमुख विषय और स्थानीय एवं वैश्विक चिंता के मुद्दों को उठाने में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जी20 और भारत की अध्यक्षता की प्रासंगिकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए डॉ. असद फैसल फारूकी द्वारा उर्दू में लिखित ‘जी20 - एक तआरुफ’ नामक एक परिचयात्मक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।


संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए, एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने कहा कि जी20 विकासशील और विकसित देशों को एक साथ आने और स्थिरता, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, संघर्ष समाधान और दुनिया के सामने आने वाले अन्य मुद्दों पर काम करने के लिए व्यावहारिक रणनीति तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है। प्रोफेसर गुलरेज ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रतिज्ञा करनी होगी और मानवता के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने और राष्ट्रों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए राष्ट्रों के बीच संवाद को बढ़ावा देना होगा।


उन्होंने कहा कि भारत ऐसे दर्शन का केंद्र है जो भाईचारे और सह-अस्तित्व पर जोर देता है और जी20 शिखर सम्मेलन का विषय ‘वसुदेव कुटुंबकम’ है जिसका अर्थ है कि पूरी दुनिया वास्तव में सिर्फ एक परिवार है

प्रोफेसर गुलरेज ने 1993 में हटिंगटन द्वारा प्रतिपादित ‘सभ्यताओं के संघर्ष’ की थीसिस का भी उल्लेख किया और इसे एक खतरनाक दर्शन बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक चिंताएं हर देश और राष्ट्र के लिए समान हैं और पारस्परिक रूप से लाभकारी निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।


संगोष्ठी के मुख्य अतिथि, एनसीपीयूएल, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर अकील अहमद ने कहा कि भारत का समृद्ध दर्शन मानव जाति की समस्याओं का समाधान प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन, गरीबी, संसाधनों की कमी और युद्ध आदि समस्याओं का सामना कर रही है और भारत इन्हें हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।


प्रोफेसर अहमद ने ‘वसुदेव कुटुंबकम’ विषय की प्रासंगिकता और इस शब्द का क्या अर्थ है, इसका विस्तार से वर्णन किया।


मानद अतिथि, एएमयू रजिस्ट्रार, श्री मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने सभी से मिशन लाइफ, स्वच्छ भारत मिशन आदि जैसे कार्यक्रमों की सफलता के लिए योगदान देने का आग्रह किया और जागरूकता मार्च आयोजित करने, जल निकायों की सुरक्षा और वृक्षारोपण सहित विश्वविद्यालय द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।


श्री इमरान ने कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता हमारे लिए मिशन मोड पर शुरुआत करने और सीखने और पारस्परिक हित के विषयों पर जी20 के साथ सहयोग करने का एक अवसर है।


विषय पर बोलते हुए, एएमयू के अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आसिम सिद्दीकी ने कहा कि भारत के पास मजबूत सॉफ्ट पावर है, जिसमें विचार, कला और संस्कृति, साहित्य और दर्शन शामिल हैं। उन्होंने दुनिया को प्रभावित करने वाले कई विचारकों और दार्शनिकों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक विज्ञान और साहित्य चीजों पर सवाल उठाने और उनका विश्लेषण करने के लिए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, जो हमें अपनी संकीर्ण चिंताओं से परे जाने का रास्ता दिखता है।


राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहिबुल हक ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता हमारे लिए गर्व की बात है क्योंकि भारत गरीबी और भूख जैसे मुद्दों पर वैश्विक दक्षिण के लिए आवाज उठा सकता है। उन्होंने जी20 के विभिन्न आयामों का आलोचनात्मक विश्लेषण किया और बताया कि कैसे पूंजीवाद और नवउदारवाद विश्व व्यवस्था को नया आकार दे रहे हैं।


उन्होंने कहा कि सत्ता और प्रभुत्व के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि में, भारत जी20 के माध्यम से यह उजागर करने की कोशिश कर रहा है कि सहयोग ही कुंजी है और शांति को मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका से आगे ले जाना होगा।


प्रोफेसर हक ने यह कहते हुए भारत की विदेश नीति की भी प्रशंसा की कि जब यूक्रेन पर हमले के बाद नाटो ने रूस पर प्रतिबंध लगाए तो भारत ने रूस का साथ नहीं छोड़ा।


उर्दू में जी20 पर मोनोग्राफ की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए जनसंचार विभाग के प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा कि एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने 1866 में अलीगढ़ इंस्टीट्यूट गजट लॉन्च किया और अंतरराष्ट्रीय संबंधों, उन्नीसवीं सदी के दार्शनिक एक प्रभावशाली अंग्रेजी विचारक जॉन स्टुअर्ट मिल के विचारों तथा अन्य मुद्दों पर खुल कर लिखा।


उन्होंने कहा कि जी20 पर उर्दू मोनोग्राफ का प्रकाशन सर सैयद द्वारा प्राच्य भाषाओं के पाठकों को जागरूक बनाने के लिए शुरू की गई परंपरा की निरंतरता है।


जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर रजाउल्लाह खान ने कहा कि जी20 को अमीर और शक्तिशाली देशों का क्लब बनकर नहीं रहना चाहिए। इसके बजाय, उन गरीब देशों की चिंताओं के लिए आवाज उठाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जिनका अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधित्व कम है और उनकी आजीविका और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से संबंधित मुद्दों पर उनकी कोई राय नहीं है। उन्होंने पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने और संसाधनों के संतुलित उपयोग का आग्रह किया।


इससे पूर्व, अतिथियों और वक्ताओं का स्वागत करते हुए, सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मोहम्मद नकवी ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था का 80 प्रतिशत हिस्सा जी20 देशों के निहित है। उन्होंने कहा कि आज आर्थिक शक्ति का मूल्य और महत्व अधिक है क्योंकि दुनिया बहुध्रुवीय होती जा रही है और पारंपरिक शक्तियों का एकाधिकार खत्म होता जा रहा है। इस संदर्भ में जी20 अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय के लिए एक बड़ा मंच है।


उन्होंने बताया कि जी20 पर 5 मोनोग्राफ की श्रृंखला में पहला मोनोग्राफ आज जारी किया जा रहा है।


धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सर सैयद अकादमी के उप निदेशक डॉ. मोहम्मद शाहिद ने कहा कि जी20 - सर सैयद मेमोरियल व्याख्यान और जी20 पर एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार क्रमशः जुलाई और अगस्त 2023 में आयोजित किया जाएगा।कार्यक्रम का संचालन डॉ. सैयद हुसैन हैदर ने किया।


कृषि माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. शम्स तबरेज खान सम्मानित

अलीगढ़ 26 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कृषि माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. शम्स तबरेज खान को ‘जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभाव’ विषय पर आयोजित 5वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘पर्यावरण संरक्षण अनुसंधान पुरस्कार, 2023’ से सम्मानित किया गया है। सम्मेलन का आयोजन संयुक्त रूप से शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर, शेर-ए-बांग्ला कृषि विश्वविद्यालय, ढाका, मिडवेस्ट विश्वविद्यालय, नेपाल, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, कर्नाटक, वीएनएम कृषि विद्यापीठ, महाराष्ट्र और कृषि एवं पर्यावरण विकास सोसायटी (एईटीडीएस), उत्तराखंड द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।


डॉ. खान ने अपने व्याख्यान में ऐसी फसलें विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जो जलवायु के अनुकूल हों और आवश्यक पोषण भी प्रदान करें। ऐसी फसलें और उनसे जुड़े रोगाणु लगातार बदलती जलवायु की स्थिति में खाद्य सुरक्षा की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं।


यह पुरस्कार सूक्ष्म जीव विज्ञान, विशेषकर पर्यावरण सूक्ष्म जीव विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के दृष्टिगत दिया गया हैडॉ. तबरेज ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 100 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किये हैं और 12 से अधिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं।


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शिक्षा विभाग की डॉ. नूरा अब्दुल कादर को प्रमुख शोध अनुदान से सम्मानित


अलीगढ़ 26 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग की डॉ. नूरा अब्दुल कादर को एक प्रमुख शोध परियोजना से सम्मानित किया गया है, जिसका शीर्षक ‘किशोरों में मनोवैज्ञानिक स्वस्थ्य पर सेलिब्रिटी जुनून का प्रभाव, कई स्क्रीन की लत और शारीरिक छवि से असंतोष’ है। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा स्वीकृत इस परियोजना में 10 लाख रुपये की अनुदान सहायता शामिल है।


डॉ. कादर ने कहा कि यह अध्ययन वर्तमान परिदृश्य में बहुत प्रासंगिक है क्योंकि किशोरों में मशहूर हस्तियों के प्रति जुनूनी आकर्षण होता है और यह विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों और समस्याग्रस्त इंटरनेट उपयोग से संबंधित है। यह अध्ययन सेलिब्रिटी जुनून से संबंधित मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों की समझ को और बढ़ाता है और शिक्षा के हितधारकों को इस चिंताजनक परिस्थिति की व्यापक समझ हासिल करने में मदद करता है।


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हॉकी ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का समापन


अलीगढ़ 26 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हॉकी क्लब द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन हॉकी कोचिंग शिविर का समापन मुख्य अतिथि प्रोफेसर मोइनुद्दीन, सदस्य, कार्यकारी परिषद, एएमयू द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ।


अपने संबोधन में प्रोफेसर मोइनुद्दीन ने प्रतिभागियों से अभ्यास सत्र में नियमित रूप से भाग लेने और हॉकी में उत्कृष्टता हासिल करने और विश्वविद्यालय और अपने परिवारों का नाम रोशन करने के लिए अपने खेल कौशल को निखारने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध करेंगे कि खेलों में सफलता हासिल करने के इच्छुक खिलाड़ियों को क्लास उपस्थिति में छूट दी जाए।


यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी के सचिव प्रोफेसर एस अमजद अली रिजवी ने भी प्रमाण पत्र वितरण में भाग लिया।


हॉकी क्लब के अध्यक्ष प्रोफेसर गुलाम सरवर हाशमी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में भारत की जी20 प्रेसीडेंसी का जश्न मनाने के लिए आयोजित ग्रीष्मकालीन कोचिंग शिविर में अलीगढ़ के विभिन्न संस्थानों के लगभग 30 लड़कों और लड़कियों ने भाग लिया।


ग्लोबल वार्मिंग को संबोधित करने के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में, प्रोफेसर मोइनुद्दीन को एक पौधा लगा गमला भेंट किया गया।


श्री अनीसुर रहमान खान, डीडीपीई और श्री अरशद महमूद, एडीपीई ने कार्यक्रम का संचालन किया।


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डा एपीजे अब्दुल कलाम अन्डर-16 स्टेट लेवल क्रिकेट टूर्नामेंट में मेरठ की टीम विजेता बनी


अलीगढ़ 26 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विलिंगडन क्रिकेट पवेलियन पर क्रिकेट क्लब गेम्स कमेटी द्वारा आयोजित डा. एपीजे अब्दुल कलाम (अंडर-16) क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल के मुकाबले में मेरठ जिला क्रिकेट एसोसिएशन ने मार्क क्रिकेट एकडेमी को 51 रनों से हराकर विजेता का खिताब जीत लिया।


पहले बल्लेबाजी करते हुए मेरठ जिला क्रिकेट एसोसिएशन की टीम ने 39.4 ओवर में 10  विकेट खोकर 224 रन बनाए जिसमें यशु प्रधान ने 84 और वर्णित ने 49 रन की पारी खेली। मार्क क्रिकेट एकडेमी की ओर से हँसम , अली खान और कैफ ने 2-2 विकेट लिये। लक्ष्य का पीछा करने उतरी मार्क क्रिकेट एकडेमी की टीम ने मात्र 173 रन 37.2 ओवर में अपने सारे विकेट गंवा दिए।। जिसमें अमन कुमार ने 41 और कैफ ने 27 रन का योगदान दिया। मेरठ जिला क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से अनुपम विशिष्ट ने 4 विकेट लिए। मेरठ जिला क्रिकेट एसोसिएशन के यशु प्रधान को मैन ऑफ द मैच चुना गया। इस टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज वर्णित चोकर रहे और सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हर्ष वर्धन रहे।मैन ऑफ द सीरीज भी हर्ष वर्धन रहे।


इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री रियासत अली संयुक्त सचिव उ.प्र. क्रिकेट एसोसिएशन, विशिष्ट अतिथि प्रो० असफर अली खान, निदेशक स्कूल शिक्षा निदेशालय, प्रोफेसर मुईनुद्दीन, प्रोफेसर एस अमजद अली रिज्वी के अतिरिक्त मो० असलम अली (सेलेक्टर यूपीसीए), कोच फैसल शेरवानी तहमीद अहमद, फाजिल, मंसूर, हुमायूँ, नसीम शेरवानी, अब्दुल वाहाब, मेराज, नाजिम, सैफ अनवर  आदि उपस्थित रहे।

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