अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो,हरदुआगंज. बृहस्पतिवार शाम को कस्बा हरदुआगंज के हनुमानगढ़ी रोड पर हुआ. मैरिज होम के निकट डीजे की दुकान है, यहां पहले शराब पार्टी चली, फिर कानफोड़ू अश्लील संगीत का दौर चला। असमाजिक गुंडा तत्व शराब के नशे में सारी हदें भूल गए और कपड़े उतारकर नंगे होकर नाचने लगे। ये सब शाम 08:00 बजे से रात 10:00 बजे तक चला।
इस डीजे की दुकान के पास ही एक दूध-दही व मिष्ठान की दुकान है। यहां बड़ी संख्या में महिला-पुरुष शाम से देर रात तक दूध आदि सामान लेने आते हैं। आसपास घनी आबादी है।
हैरानी की बात ये कि सावन व मोहर्रम मास में पुलिस-प्रशासन खुद ही खुद को सख्त होने एवं व्यवस्था चाक चौबंद होने का दावा करता है तो फिर सरेशाम घनीबस्ती के बीच सड़क पर ये नंगनाच कैसे????? क्या पुलिस कस्बे में गश्त नहीं करती???यदि करती होती तो इन गुंडों की इतनी हिमाकत कि बीच सड़क पर शर्ट बनियान व कच्चे उतारकर नंगे नाचें. क्या हरदुआगंज में जंगलराज है? पुलिस प्रशासन से जनता ये जरूर पूछे.
*वजह ये भी है*
लोग बताते हैं कि नए कस्बा इंचार्ज व बीट सिपाहियों की अच्छी खासी कृपा होने से कस्बा में सट्टा, जुआ, गांजे आदि कारोबार पर मौसम की तरह बहार आ गई है....महीनेदारी सेट होते ही इन गुंडों का भय भी भाग गया...पुलिस महाराज की कृपा ऐसी बरसी है कि नंगो की पौबारह होने लगी तो वह सार्वजनिक गली को अड्डा मानने लगे हैं।
*मणिपुर जैसी हिंसा होने में देर नहीं लगती*
लोगों का कहना है कि नौ बजे के करीब इन नंगों पर शराब व संगीत का ऐसा सुरूर चढ़ा कि इन्होंने वाहनों तक को रोड के दोनों ओर रोक दिया, नंगे होकर रोड पर बैठकर लेटकर ठुमके लगाते रहे, खुलेआम पैग पीने के साथ मां बहन की गलियों के साथ जो भी बोले उसमें मार गोली जैसे शब्द इनके मुंह के आभूषण बने हुए थे, रुकी हुई कारों में महिलाएं भी थी। 30 मिनट तक आलम ये रहा कि यही यहां कोई महिला गलती से आ जाए तो ये गुंडे उसे भी नंगी कर देते। आसपास भी ख़ौफ़ व्याप्त रहा।