अलीगढ मीडिया डॉट कॉम अलीगढ़। अपर उपजिलाधिकारी कोल मौहम्मद अमन, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ सर्वदानंद, एन.सी.एस.सी के प्रादेशिक समन्वयक डॉ तारीक बदर, जिला समन्वयक व संयोजक राजीव अग्रवाल, धर्मसमाज महाविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉक्टर ए.के.एस.चौहान, प्रोफसर जे.पी. गुप्ता और पीयूष दत्त शर्मा, एन.सी.एस.सी. के नोडल समन्वयक विकास मिश्रा व डीपीएस की प्रधानाचार्या आरती झा ने संयुक्त रूप से मॉ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर दिल्ली पब्लिक स्कूल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की विज्ञान के अध्यापकों के लिए शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
अपर एसडीएम कोल मौहम्मद अमान ने बताया कि पारितंत्र के लिए आवश्यक है कि छात्रों से शोधपरक प्रोजेक्ट तैयार करायें। उनसे अनावश्यक एवं तथ्यविहीन मॉडल तैयार न कराए जाएं। जिला विद्यालय निरीक्षक डा0 सर्वदानंद ने बताया कि हमने विज्ञान को मजबूती से स्थापित किया है। पूर्ण मनोयोग से विज्ञान को सिद्ध करें। प्रादेशिक समन्वयक डॉक्टर तारीक बदर ने बताया कि बाल मन को अगर वैज्ञानिक दिशा दिखाई जाए तो वह बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान कर आसानी से वैज्ञानिक सोच प्राप्त सकते हैं।
नोडल समन्वयक डॉक्टर विकास मिश्रा ने कहा कि विज्ञान शिक्षकों का दायित्व है कि अपने विद्यालय के अधिकतम विद्यार्थियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करें उन्होंने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के उद््देश्य पर प्रकाश डालते हुए रिसर्च प्रोजेक्ट बनाते समय बरती जाने वाली विभिन्न सावधानियां से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि रिसर्च प्रोजेक्ट को स्थानीय समस्याओं पर आधारित रखना चाहिए और उसमें मौलिकता होनी चाहिए एक अच्छा रिसर्च प्रोजेक्ट समाज की समस्याओं के निदान की दिशा में प्रेरणा देता है और नवाचारों को बढ़ावा देता है
रिटायर्ड प्रोफेसर डॉक्टर ए.के.एस. चौहान ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के विषय एवं उप विषय पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए प्रोजेक्ट फाइल निर्माण के बारे में विस्तार से बताया। प्रोफेसर जे.पी गुप्ता ने बताया कि विशुद्ध ज्ञान ही विज्ञान है। उन्होंने छा-छात्राओं से आव्हान किया कि बचपन से ही विज्ञान को जिओ और वैज्ञानिक सोच जाग्रत करो। पीयूष दत्त शर्मा ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है अतः समाज के प्रत्येक व्यक्ति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्य करने की आदत का विकास करना चाहिए राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस इस उद््देश्य के साथ कार्य करता है।
कुमारी हर्षी गुप्ता एकेडमिक कोर्डीनेटर एन.सी.एस.सी. ने पारितंत्र विषय पर व्याखान देकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष का विषय स्वास्थ और कल्याण के लिए पारिस्थितितंत्र को समझना, दैनिक जीवन में वैज्ञानिक समझ को अपनाना। उन्होंने बताया कि यह बच्चों की जिज्ञासा जगाता है, उनकी रचनात्मकता को प्रकट करने और उनकी कल्पना को आकार देने का अवसर प्रदान करता है। जिला समन्वयक व संयोजक राजीव अग्रवाल ने विज्ञान की विविध विधियों को बताया। उन्होंने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए विज्ञान के सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि छात्रों को पूरी गाइड लाइन समझाएं और मोडल व प्रोजेक्ट के क्षेत्र में सहभागिता बढाएं।