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क्या शासन -प्रशासन और पुलिस को पत्रकारों से नफरत है?, आखिर तेजी से क्यों बढ़ रहे फर्जी मुकद्दमेंः धर्मेन्द्र राघव

 


पत्रकारों की अभिव्यक्ति की आजादी से क्या उठ ना जाए शासन प्रशासन के भ्रष्टाचार का पर्दाःराष्ट्रीय पत्रकार महासंघ

अलीगढ मीडिया न्यूज़ डेस्क, अलीगढ। राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ की एक आवश्यक बैठक तस्वीर महल स्थित राजा महेन्द्र प्रताप सिंह पार्क में आहुत की गई । जिसमें पत्रकार बंधुओं द्वारा चर्चा की गई कि पत्रकार का उत्पीड़न देश भर में बड़े पैमाने पर तेजी के साथ हो रहा है। केंद्र सरकार एवं विपक्ष की ओर से किसी भी प्रकार की ठोस योजना भारत के पत्रकार के लिए नहीं बनाई जा रही है। ऐसा लग रहा है कि एक योजना के तहत भारत में पत्रकारों को दरकिनार करके रखा जा रहा है।

राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र राघव ने कहा कि कई वर्षों से लगातार पत्रकार सुरक्षा अधिनियम को संपूर्ण भारत में लागू करने केंद्रीय एवं राज्य स्तर पर मीडिया कल्याण बोर्ड की स्थापना करने केंद्रीय एवं राज्य स्तर पर मीडिया पालिका की स्थापना करने, पत्रकारों की जनगणना करा कर उनके स्वावलंबन के लिए योजनाओं को संचालित करने पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को अधिमान्यता प्रमाण पत्र जारी करने, राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति में समस्त पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल करके समिति का गठन करने, पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए बीमा की व्यवस्था एवं आवास की व्यवस्था को संचालित करने, टोल प्लाजा पर टोल टैक्स फ्री करने सभी रोडवेज बसों एवं रेलवे में किराए में 50 प्रतिशत की छूट करने, सीनियर सिटीजन पत्रकारों को यात्रा के लिए पास जारी करने एवं जनर्लिस्ट विधान परिषद सदस्य का कोटा फिक्स करने और पत्रकारों की एक मतदाता सूची बनाकर चुनाव कराने आदि की विभिन्न मांगों को लेकर आवाज उठाई जा रही है। लेकिन इस पर पक्ष एवं विपक्ष के राजनीतिक दलों एवं सरकारों को किसी भी प्रकार का समर्थन नहीं मिल रहा है। इससे यह साबित हो रहा है कि देश में पत्रकारों को बेगाना की तरह रखा जा रहा है। केंद्र सरकार एवं विपक्ष के लोग नहीं चाहते हैं कि देश में पत्रकार का उद्भव हो।

प्रदेश अनुशासन समिति के चेयरमैन मुशीर अहमद खां ने स्पष्ट रूप से कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले समाचार प्रकाशित करने वाले पत्रकारों के ऊपर फर्जी मुकदमे बड़े ही तेजी के साथ किये जा रहे हैं। पुलिस थानों में पत्रकारों को अपमानित करने का सिलसिला जारी है। इस तरह की खबर प्रतिदिन देखने को मिलती है पत्रकारों के उत्पीड़न को लेकर पुलिस किसी भी प्रकार की सक्रियता नहीं दिखाती है क्योंकि पत्रकारों से शासन सत्ता में बैठे हुए लोगों को नफरत है।


क्या पत्रकारों की आजादी से प्रशासन को है डर ?

जिला संयोजक अनवर खान ने कहा कि शासन प्रशासन को इस बात का डर है कि अगर पत्रकारों की अभिव्यक्ति की आजादी हो जाएगी तो उनके भ्रष्टाचार पर पड़ा हुआ पर्दा उठ जाएगा इसलिए पत्रकारों से कुछ लोग जो शासन सत्ता से जुड़े हुए हैं प्रशासन में है नफरत करते हैं।

इस बैठक में मुख्य रूप से अनवर खान, सत्यवीर सिंह यादव,धर्मेंद्र राघव, विनीत गुप्ता,अहोराम सिंह राजौरिया ,रॉकी कुमार,पुष्पेंद्र सिंह,मुशीर अहमद,राजकुमार सिंह,मोहम्मद राशिद, दुष्यंत सक्सेना, नसीम अहमद, दिलशाद सैफी, रूप किशोर राजपूत, राजेंद्र सिंह, यामीन खान, वसीम खान, फखरुद्दीन अहमद, आदि मौजूद थे।

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