अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़| आईआईटी हैदराबाद में आयोजित दूसरे शोध एवं विकास मेले ‘आईइन्वेंट-2024’ में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत किये गये नवाचारों की केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सराहना एवं प्रशंसा की। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षकों डॉ. मुहम्मद वाजिद और डॉ. जय प्रकाश ने दो दिवसीय कार्यक्रम में अपने नवाचार प्रस्तुत किए, जिसमें आईआईटी, आईआईएससी, एनआईटी, आईआईएसईआर सहित विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी सहित 50 से अधिक संस्थानों ने भाग लिया। इस अवसर पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सचिव श्री संजय मूर्ति मानद् अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
एएमयू के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. मुहम्मद वाजिद ने आईआईटी हैदराबाद के सहयोग से अपना वैज्ञानिक पेपर ‘एमएमवेव एफएमसीडब्ल्यू रडार आधारित गैर-अनुबंध बहु-रोगी हृदय गति और सांस दर निगरानी प्रणाली का डिजाइन और माप’ शीर्षक से प्रस्तुत किया। जबकि भौतिकी विभाग के डॉ. जय प्रकाश ने ‘लिक्विड क्रिस्टल नैनोकम्पोजिट्स आधारित मेमोरी डिवाइस और उसके अनुप्रयोग’ पर अपना नवाचार प्रस्तुत किया।
एएमयू शिक्षकों ने पांच प्रोटोटाइप प्रस्तुत किए थे, जिनमें से दो को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक पहल, दो दिवसीय अनुसंधान और विकास मेले के लिए कार्यक्रम की तकनीकी मूल्यांकन समिति द्वारा चुना गया|
स्ट्रक्चरल ग्रेविटी मॉडल पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित |
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पश्चिम एशियाई और उत्तरी अफ्रीकी अध्ययन विभाग द्वारा ‘स्ट्रक्चरल ग्रेविटी मॉडलः सिद्धांत, अनुमान और अनुप्रयोग’ पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति, प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने शिक्षकों से नवाचार आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देने पर अपना ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि यह किसी उच्च शिक्षा संस्थान को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ स्थान दिलाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक है।मुख्य अतिथि विज्ञान संकाय के पूर्व डीन प्रोफेसर काजी मजहर अली ने अपने लंबे शिक्षण अनुभव को साझा किया और व्यावहारिक अनुसंधान में सांख्यिकीय अनुमान की भूमिका पर जोर दिया।
मानद् अतिथि, अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. शहरोज आलम रिजवी ने पश्चिम एशियाई और उत्तरी अफ्रीकी समस्याओं के अध्ययन में अंतःविषय दृष्टिकोण के महत्व पर चर्चा की।अपने उद्घाटन भाषण में, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संकाय के डीन और विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद अजहर ने व्यापार नीति अनुसंधान और इसके व्यापक अनुप्रयोगों को बढ़ाने में कार्यशाला के महत्व को रेखांकित किया।
इससे पूर्व, अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला सह-समन्वयक डॉ. सना समरीन ने विषय और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। डॉ. तारिक मसूद कार्यशाला समन्वयक थे।प्रोफेसर जावेद इकबाल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का संचालन सना नूर ने किया।