मंगलायतन विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा में विज्ञान विषय को मिली मान्यता

Chanchal Varma
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-निजी विश्वविद्यालयों में विज्ञान विषय में डिग्री कराने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बना मंगलायतन


अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, इगलास/अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस एजुकेशन) में विज्ञान विषय की मान्यता मिली है। निजी विश्वविद्यालय के श्रेणी में दूरस्थ शिक्षा में विज्ञान पाठ्यक्रम संचालित करने वाला मंगलायतन प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। जो लोग नौकरी के साथ विज्ञान का अध्ययन करना चाहते हैं उनके लिए यहां सुनहरा अवसर होगा। यह जानकारी निदेशक प्रो. मसूद परवेज ने देते हुए बताया कि यूजीसी ने बीएससी (जूलॉजी, बायोलॉजी, केमिस्ट्री) व (फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित), बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन (बीएलआइएस), मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन (एमएलआइएस) की मान्यता भी प्रदान की है। बीएससी की कक्षाएं ऑनलाइन मोड में संचालित होंगी और प्रयोगात्मक कक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय परिसर में आना होगा। अब तक नौ पाठ्यक्रमों बीकॉम, बीए, एमबीए, एमकॉम, एमएससी गणित, एमए (अंग्रेजी, इतिहास, राजनीति, समाजशास्त्र) पाठ्यक्रम शामिल रहे हैं। इसकी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। वेबसाइट पर शिक्षार्थी ऑनलाइन फार्म भरकर प्रवेश ले सकते हैं।


कुलपति सभागार में आयोजित बैठक में कुलपति प्रो. पीके दशोरा, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा ने मान्यता मिलने पर खुशी जताई। कुलपति ने कहा कि मंविवि दूरस्थ शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अध्यन करने के इच्छुक अंतिम छोर में रहने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा ग्रहण कराने के लिए संकल्पित है। दूरवर्ती शिक्षा कोर्स के प्रति विद्यार्थियों में जबरदस्त आकर्षण है। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि जो लोग नौकरी करते हैं या दूर पढ़ाई करने नहीं जा सकते हैं, उनके लिए डिस्टेंस एजुकेशन बेहतर विकल्प है। इस अवसर पर प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी, प्रो. वाईपी सिंह, डा. राजेश उपाध्याय, डा. अशोक उपाध्याय, डा. सोनी सिंह, लव मित्तल, जितेंद्र यादव आदि थे।


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