Header Ads Widget

Responsive Advertisement

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दल घोषणा पत्रों में पत्रकारों की मांगों को शामिल करेंः धर्मेन्द्र राघव


पत्रकारों की सुरक्षा, पेंशन , बीमा और आवास की योजनाएं घोषणा पत्रों में शामिल करें राजनैतिक दल
राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ अलीगढ़ इकाई की बैठक में उठा मुद्दा

अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़,। राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ अलीगढ़ इकाई की बैठक राजा महेन्द्र प्रताप पार्क तस्वीर महल पर में आयोजित की गई ,जिसमें पत्रकार हितों की मांगों को लेकर पत्रकारों ने विचार मंथन किया। पत्रकारों की बैठक में सभी राजनीतिक दलों से यह मांग की गई कि पत्रकार सुरक्षा कानून सहित पत्रकारों की अन्य लंबित मांगों को सभी राजनितिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें।
राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के मण्ड़ल अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि श्रमजीवी पत्रकारों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून, पत्रकार पेंशन योजना, पत्रकार आवास योजना, और पत्रकार बीमा योजना प्रारंभ की है ,किंतु राष्ट्रीय स्तर पर ये समस्त योजनाएं अब तक लागू नहीं हो पाई है । लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में पत्रकारों की मांगों को शामिल करें।
राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र राघव ने कहा कि पत्रकारों को अपने पत्रकारीय कार्य के दौरान कुछ अप्रिय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे हालात में पत्रकार सुरक्षा कानून पूरे देश में एक साथ लागू किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार अपने पूरे जीवन काल में न्यूनतम मानदेय पर संघर्षपूर्ण जीवन जीता है , और जीवन के उत्तरार्ध में उसे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में पत्रकारों के लिए एक पेंशन योजना भी बनाई जाना चाहिए। जिला संयोजक अनवर खान ने कहा कि पत्रकारों के लिए उनके आवास की एक मुकम्मल योजना देश के लगभग हर जिला मुख्यालय पर बनाई जानी चाहिए। अनिश्चितता के माहौल में जीवन जी रहे श्रमजीवी पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा योजना लागू की जाना चाहिए। जिला महामंत्री सत्यवीर सिंह यादव ने कहा कि पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने पर हिंसा और धमकी का सामना करना पड़ सकता है । उन्हें जिन खतरों का सामना करना पड़ता है उनमें हत्या, अपहरण , बंधक बनाना, ऑफ़लाइन और ऑनलाइन उत्पीड़न, धमकी , जबरन गायब करना, मनमाने ढंग से हिरासत में रखना और यातना देना शामिल है। महिला पत्रकारों को भी विशिष्ट खतरों का सामना करना पड़ता है और वे विशेष रूप से यौन उत्पीड़न के प्रति संवेदनशील होती हैं, चाहे वह लक्षित यौन उल्लंघन के रूप में हो, अक्सर अपने काम के प्रतिशोध में हो। इस बैठक में अनवर खान ,आर पी अग्रवाल ,धर्मेंद्र राघव ,गुलाब नबी ,वकील अहमद , सतवीर सिंह यादव , जितेंद्र सिंह, रिंकू शर्मा , सोनी वर्मा,रूप किशोर , राजेश शर्मा , गौरव रावत , दिलशाद सैफी , राजेंद्र कुमार , मनोज चौहान ,आदि मौजूद रहे |

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ