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सीईपीईसीएएमआई ने सामाजिक विकास में एनजीओ की भूमिका पर हुयी कार्यशाला

 


अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल एडवांसमेंट ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडिया (सीईपीईसीएएमआई) ने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर देने के साथ सामाजिक कार्यों में गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

जेएनएमसी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में गैर सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालय के अधिकारियों, प्रतिनिधियों और प्रमुख शिक्षाविदों के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यशाला में उपयोगी चर्चाओं, ज्ञान के आदान-प्रदान और महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए नवीन समाधानों की खोज पर विचार विमर्श किया गया।


एएमयू के कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की, और समाज में गैर सरकारी संगठनों के अपार योगदान की प्रशंसा की। कार्यशाला में हाशिए पर मौजूद वर्गों के उत्थान, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सरकारी योजना के लाभ और टिकाऊ पर्यावरण संरक्षण प्रदान करने में गैर सरकारी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की गई। पैनल चर्चाओं ने इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में चुनौतियों और अवसरों पर एक व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रदान किया, जिसमें सामूहिक कार्रवाई के महत्व और सामाजिक विकास पर गैर सरकारी संगठनों के संभावित प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।


इस अवसर पर जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री सैयद जफर महमूद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने सच्चर समिति के निष्कर्षों और सिफारिशों से प्रेरणा लेते हुए युवाओं, विशेषकर महिलाओं को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं और शासन की भूमिकाओं में भाग लेने में सक्षम बनाने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. गीता बोरा, श्री फारूक सिद्दीकी और डॉ. तविशी तिवारी जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों ने सम्मानित अतिथि के रूप में सत्र की शोभा बढ़ाई।


सीईपीईसीएएमआई के निदेशक श्री नसीम अहमद खान ने मुस्लिम समुदाय के उत्थान के उद्देश्य से संगठन की विविध गतिविधियों का एक सिंहावलोकन प्रदान किया। उन्होंने सामाजिक सुधार में गैर सरकारी संगठनों के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया।


प्रोफेसर सऊद आलम कासमी की अध्यक्षता में पहले तकनीकी सत्र में वक्ताओं का एक प्रतिष्ठित पैनल शामिल था। जिसने सामाजिक कार्यों में एनजीओ की भागीदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। अन्य वक्ताओं में सैयद तनवीर अहमद, ज्ञानेंद्र मिश्रा, डॉ. मोहसिन रजा, डॉ. अंबरीन जमाली, योगेश भाटिया, डॉ. फैजा अब्बासी, प्रो. अब्दुल मतीन, प्रो. नसीम अहमद खान, जावीद मिर्जा और डॉ. सलीम मोहम्मद शामिल थे।


कार्यशाला ने कला संकाय लाउंज में दूसरे तकनीकी सत्र में छात्रों और गैर सरकारी संगठनों के बीच बातचीत की सुविधा प्रदान की गई। ऑनलाइन आयोजित तीसरे सत्र में डॉ. जया सिंह, अजय कुमार सिन्हा, राजेश झा और शांतनु घोष जैसे प्रतिष्ठित वक्ता शामिल हुए, जिन्होंने बाल अधिकारों, शिक्षा में डिजिटल मीडिया, पर्यावरण संबंधी मुद्दों और बाल शिक्षा सहित विषयों पर चर्चा की और मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की। सीईपीईसीएएमआई के सहायक निदेशक श्री सबाहुद्दीन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. असफिया करीमी, डॉ. फरहीन अंजुम एवं डॉ. मुनाजा नेयाज ने किया।


 

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