अलीगढ मीडिया न्यूज़, अलीगढ़ 18 मई 2024 (सू0वि0): जिलाधिकारी विशाख जी0 ने शनिवार को छेरत सुढ़ियाल स्थित स्वामी श्री वामदेव जी वृहद गौवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सीवीओ डॉ0 दिनेश कुमार ने बताया कि गौशाला में 230 गौवंश संरक्षित हैं। सहभागिता योजना के तहत 22 गायों से जनसामान्य को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि 30 कुंतल भूसा दान में प्राप्त हुआ है और 486 कुंतल भूसा की खरीद की गई है। डीएम ने सहभागिता योजना के तहत दी गई 22 गायों की सत्यापन रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान गौवंश के बाड़े को अलग-अलग करने के साथ ही प्राथमिक उपचार एवं शेड का व्यापक उपयोग कर पशुपालकों को लाभान्वित किए जाने के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 विकास चौहान को निर्देश दिए। उन्होंने मनरेगा से तालाब की खुदाई कराने, चारे-पानी की समुचित व्यवस्था रखने और गौ संरक्षण केंद्र में फेंसिंग व मैश वायर लगाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण केंद्र में पर्याप्त स्थान को ध्यान में रखकर पौधरोपण भी किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने गोवंशों के उचित रखरखाव के लिए एक अतिरिक्त टीन शेड एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं संबंधी कार्य सीएसआर फंड से भी कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीमार गोवंशों के स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखते हुए आवश्यक उपचार दिया जाए।
निरीक्षण के दौरान सीवीओ डॉ0 दिनेश कुमार, बीडीओ रूपेश मण्डल, डीपीआरओ धनंजय जायसवाल, सहायक अभियंता लघु सिंचाई वी एस सुमन, ग्राम प्रधान रामप्रकाश मौजूद रहे।
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गोवंश प्रबंधन के संबंध में जिला स्तरीय बैठक आयोजित:*
जिलाधिकारी विशाख जी0 द्वारा निरीक्षण के उपरान्त विकास भवन सभागार में जिले में गौवंश प्रबंधन को लेकर विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भीषण गर्मी से गोवंशों को सुरक्षित रखने के लिए हरे चारे, भूसा, खली, चोकर, पानी, छाया और बीमार होने पर समुचित उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए। सभी नोडल अधिकारी गौ संरक्षण केंद्रों का स्थलीय सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि गौशाला प्रबंधन कार्य में रुचि न लिए जाने पर दोषी के विरुद्ध कडी कार्रवाई की जाएगी। सीवीओ ने बताया कि 133265 कुन्तल भूसा उपलब्ध है। जिले में 113 अस्थाई गौ आश्रय स्थल, 18 कान्हा गौशाला, 05 वहद गौसंरक्षण केंद्र एवं 02 काजी हाउस समेत कुल 138 गौ संरक्षण केंद्र हैं जिनमें 28446 गौवंश संरक्षित हैं।
डीपीआरओ धनंजय जायसवाल ने बताया कि 126 ग्राम पंचायतों के माध्यम से एसएफसी पूलिंग की 1 करोड़ 10 लाख 93 हज़ार की धनराशि के सापेक्ष 44 लाख 55 हजार का सदुपयोग किया गया है। डीएम के द्वारा खण्ड विकास अधिकारियों को पूलिंग धनराशि को बढ़ाए जाने एवं प्राप्त धनराशि का सदुपयोग गौशाला में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए किया जाए। गौशालाओं में बरसात में जल भराव एवं कीचड़ की समस्या नहीं होनी चाहिए। भूसा संग्रहण के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। नवीन गौ आश्रय स्थल हेतु स्थल चयन में अकराबाद एवं गंगीरी में कोई कार्य न होने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए बीडीओ को चेतावनी दी कि 25 मई तक कार्यों में प्रगति लाएं।
डीएम ने कहा कि प्रत्येक गौ आश्रय स्थल पर प्रभावी निगरानी कराते हुए गौवंश को धूप व गर्मी से बचाने के लिए पर्याप्त छाया की व्यवस्था की जाये। गौ आश्रय स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में भूसा, हरा चारा, दाना, इत्यादि की पर्याप्त वयवस्था हो एवं गौवंश के भरण पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाये। गौवंश के पीने के लिए स्वच्छ व ताजा पानी की व्यवस्था हो। उन्होंने गौ आश्रय स्थलों पर रात्रिकालीन चौकीदार की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराने के साथ ही आगजनी से बचाव के लिए समुचित प्रबन्ध किये जाएं एवं फायर स्टेशन का दूरभाष नम्बर प्रत्येक गौ आश्रय स्थल पर अंकित कराने के साथ ही विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
बैठक में सीडीओ आकांक्षा राना, डीडीओ आलोक आर्य, डीसी मनरेगा दीनदयाल वर्मा, सीवीओ डॉ0 दिनेश कुमार, डीपीआरओ धनंजय जायसवाल, बीडीओ, ईओ एवं पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।
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