श्री कुमार ने जिले के ऐसे दिव्यांग दम्पतियों जिनका विवाह माह अप्रैल, 2023 या उसके पश्चात हुआ है को सूचित किया है कि वह किसी भी जनसेवा केन्द्र, लोकवाड़ी केन्द्र अथवा निजी कम्प्यूटर द्वारा योजनान्तर्गत अपना आवेदन आय प्रमाण पत्र, दिव्यांग प्रमाण पत्र, संयुक्त बैंक खाता, संयुक्त शादी का फोटो, आधार कार्ड, विवाह प्रमाण पत्र या शादी कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र की छाया प्रति संलग्न कर ऑनलाइन divyangjan.upsdc.gov.in पोर्टल पर भरवाने के उपरान्त आवेदन का मूल प्रिन्ट हस्ताक्षर करने के पश्चात उक्त सभी संलग्नकों की छाया प्रति के साथ किसी भी कार्य दिवस में विकास भवन स्थित जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी कार्यालय कक्ष संख्या जी-08 में प्राप्त कराना सुनिश्चित करें, ताकि शासन के निर्देशानुसार योजनान्तर्गत अधिक से अधिक दम्पत्तियों को लाभान्वित करने की कार्यवाही की जा सके।
जिले के पात्र दिव्यांगजन दुकान एवं दुकान संचालन योजनान्तर्गत ऋण के लिए करें आवेदन
अलीगढ़ 10 मई 2024 (सू0वि0):दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित दिव्यांग दुकान निर्माण एवं संचालन योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में लक्ष्य के अनुरूप जिले के दिव्यांगजनों को लाभान्वित किया जाना है। दुकान निर्माण एवं संचालन योजनान्तर्गत दुकान संचालन के लिए 10 हजार रूपये एवं दुकान निर्माण के लिए 20 हजार रूपये की धनराशि प्रदान की जाती है, जिसमें 25 प्रतिशत धनराशि अनुदान होती है एवं 75 प्रतिशत धनराशि 4 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर पर ऋण के रूप में दी जाती है। प्रदत्त ऋण को 4 प्रतिशत साधारण ब्याज के साथ ट्रेजरी चालान के माध्यम से वसूल किया जाता है।
जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी रोहित कुमार ने उक्त जानकारी देते जिले के सभी पात्र दिव्यांगजनों को सूचित किया है कि वह किसी भी जनसेवा केन्द्र, लोकवाड़ी केन्द्र अथवा निजी कम्प्यूटर द्वारा योजनान्तर्गत अपना आवेदन आय प्रमाण पत्र, दिव्यांग प्रमाण पत्र, बैंक खाता, फोटो, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र की छाया प्रति संलग्न कर ऑनलाइन divyangjandukan.upsdc.gov.in पोर्टल पर भरवाने के उपरान्त आवेदन का मूल प्रिन्ट हस्ताक्षर करने के पश्चात उक्त सभी संलग्नकों की छाया प्रति के साथ किसी भी कार्य दिवस में विकास भवन स्थित जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी कार्यालय कक्ष संख्या जी-08 में प्राप्त कराना सुनिश्चित करें, ताकि शासन के निर्देशानुसार योजनान्तर्गत अधिक से अधिक दम्पत्तियों को लाभांन्वित करने की कार्यवाही की जा सके।