अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर अमित कुमार भट्ट ने 5 दिनों उक्त जानकारी देते हुए मीडिया को बताया है, यह हैरानी की बात
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, ब्यूरो अलीगढ: महानगर में 17 जुलाई को मोहर्रम, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, 19 अगस्त को रक्षाबंधन, 26 अगस्त को जन्माष्टमी के त्यौहार, जयंती मनाये जाने एवं विभिन्न मा0 आयोग द्वारा समय-समय पर आयोजित विभिन्न परीक्षाओं के दृष्टिगत व अन्य संवेदनशील कारणों से आपातिक स्थिति है। हालांकि इस इस बात पर सभी को हैरानी है कि को आदेश 15 जून को जारी किये उन्हें मीडिया के सामने सार्वजानिक होते होते पांच दिन बाद 20जून को जारी किया गया| अब सवाल यह है कि आदेश में लिखी गई तारीख़ गलत हो गई है या आदेश 5दिनों तक फाइलो में है दबा रहा?
अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर अमित कुमार भट्ट ने उक्त जानकारी देते हुए बताया है कि स्थानीय अभिसूचना एवं अन्य माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि इस अवसर पर कतिपय असामाजिक तत्व महानगर की शान्ति-व्यवस्था भंग करने की कुचेष्ठा कर सकते हैं, जिससे महानगर की शान्ति एवं कानून-व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऐसी परिस्थिति में महानगर में शान्ति-व्यवस्था, कानून-व्यवस्था एवं साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिये तत्काल प्रभाव से आगामी 10 सितम्बर 2024 तक धारा-144 दण्ड प्रकिया संहिता लागू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा के दौरान बैंकट हाल, मैरिज होम मालिक पार्टी, शादी के दौरान लाइसेंसी शस्त्रों का उपयोग नहीं करने देंगे और यदि उनकी बात नहीं मानी जाती है तो 112 नम्बर डायल कर पुलिस को सूचित करेंगे। कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की अफवाह नहीं फैलाएगा, झूठी खबरों को प्रकाशित नहीं करेगा, ना करायेगा और ना ही इसके प्रसारण में सहायक होगा, जिससे आम जनता, विभिन्न वर्गों, सम्प्रदायों के मध्य घृणा व द्वेष की भावना उत्पन्न हो अथवा शांति व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो। कोई भी व्यक्ति ऐसी तस्वीर, कार्टून, हैण्डबिल, दीवार लेख, बैनर, पोस्टर आदि नहीं लिखेगा और प्रकाशित नहीं करेगा और न करायेगा, जिससे शान्ति-व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो। निषेधाज्ञा के दौरान कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों यथा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि से ऐसी कोई बात का प्रसारण या चर्चा नहीं करेगा जिससे समाज में भय, आतंक, सामुदायिक वैमनस्यता एवं अव्यवस्था उत्पन्न हो। कोई भी व्यक्ति अथवा संगठन किसी भी व्यक्ति व समुदाय के प्रति अपमानजनक भाषा या गाली का प्रयोग नहीं करेगा और न ही किसी के पुतला दहन आदि कर व्यक्ति की मर्यादा को भंग करेगा और न ही उत्तेजनात्मक, साम्प्रदायिक नारे लगायेगा, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचे या शान्ति-व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो।
सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि निषेधाज्ञा के दौरान कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर और घरों व दुकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, रोडे, कांच की बोतलें, लोहे की सरिया, फेंककर मारे जाने वाली वस्तुएं एवं ज्वलनशील पदार्थ एकत्रित नहीं करेगा और ना ही करायेगा। कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्रों, परीक्षा स्थल तथा किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बल्लम, चाकू, तलवार, भाला अथवा आग्नेयास्त्र जैसे बन्दूक, पिस्टल आदि तथा ज्वलनशील एवं विस्फोटक पदार्थ जैसे तेजाब लेकर नहीं जायेगा और ना ही अपने पास रखेगा। यह प्रतिबन्ध ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी पर लागू नहीं होगा, अपाहिज या नेत्रहीन अपने सहारे के लिये छड़ी तथा सिक्ख धर्म के अनुयायी म्यान में कृपाण रख सकते हैं। कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्रों के आसपास 100 मीटर की परिधि में लाउडस्पीकर या अन्य ध्वनि प्रसारण यंत्र का प्रयोग बिना पूर्व अनुमति के नहीं करेगा। यह प्रतिबन्ध धार्मिक कार्यों के लिए परम्परागत रूप से शादी बारात, मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में होने वाली प्रार्थना सभा पर लागू नहीं होगा। संघ लोक सेवा आयोग, लोक सेवा आयोग की परीक्षायें निर्धारित कार्यक्रमानुसार आयोजित की जायेगी। कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान के आस-पास किसी भी धमाकेदार आतिशबाजी या हवा में उड़कर आवाज करने वाली किसी आतिशबाजी का प्रयोग नहीं करेगा और न ही इसके लिये किसी को प्रेरित करेगा एवं कोई भी व्यक्ति सक्षम अधिकारी से अनुमति या लाइसेंस प्राप्त किये बिना कोई भी विस्फोटक पदार्थ, आतिशबाजी, पटाखा का ना निर्माण करेगा, ना भण्डारण करेगा, ना बेचेगा और ना ही किसी प्रकार का आदान-प्रदान या परिवहन करेगा।
उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा की अवधि में कोई भी व्यक्ति भांग या शराब या अन्य किसी मादक पदार्थ का सेवन कर उद््दण्डता नहीं करेगा और अपराधी प्रवृत्ति का किरायेदार नहीं रखेगा और यदि किसी विदेशी नागरिक न नशे की हालत में सड़क या सार्वजनिक स्थल पर घूमेगा। कोई भी व्यक्ति अपने यहां को किरायेदार के रूप में रखेगा तो उसकी सूचना निकटतम पुलिस स्टेशन को अनिवार्य रूप से देगा। कोई भी व्यक्ति विभिन्न धर्मों, जातियों एवं सम्प्रदाय के मतावलम्बियों की धार्मिक अथवा जातीय भावनाओं को नहीं भड़कायेगा और न ही मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा या पूजा के अन्य स्थानों का प्रयोग भड़काऊ भाषणों के लिए करेगा। कोई भी व्यक्ति न तो ऐसे क्रियाकलाप करेगा और ना ही ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित करेगा जो विभिन्न जाति, धर्म, भाषा के मतावलम्बियों के बीच पहले से विद्यमान तनाव एवं ईर्ष्या को और भड़काने का कार्य करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो वह धारा-188 आईपीसी के अन्तर्गत तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों एवं विधिक प्राविधानों के अन्तर्गत दण्ड का भागी होगा। यह आदेश सम्पूर्ण महानगर क्षेत्र में लागू होगा और समस्त व्यक्तियों को सम्बोधित किया जाता है, जो इस अवधि में अलीगढ़ महानगर में रहेंगे या आवागमन करेंगे।
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