अलीगढ| प्रोफेसर एमजे वारसी कॉलिन पी. मैसिका अवॉर्ड से सम्मानित

Chanchal Varma
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अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ 1 जुलाईः अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष और प्रख्यात भाषाविद् प्रोफेसर एम जे वारसी को प्रतिष्ठित ‘कॉलिन’ पी. मैसिका पुरस्कार-2024 सम्मान से सम्मानित किया गया है। 51वें अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान द्रविड़ भाषाविदों (एआईसीडीएल) तमिल विश्वविद्यालय, तंजावुर में आयोजित कांफ्रेंस के दौरान उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया।


यह कांफ्रेंस भाषाविज्ञान (आईएसडीएल), तिरुवनंतपुरम, केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर और तमिल विश्वविद्यालय, तंजावुर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई। यह पुरस्कार महान अमेरिकी भाषाविद् प्रोफेसर कॉलिन के नाम पर स्थापित किया गया है। पी. मैसिका, जो अपने मौलिक कार्य, ‘डिफाइनिंग ए लिंग्विस्टिक एरियाः साउथ एशिया एंड द इंडो-आर्यन लैंग्वेजेज’ के लिए जाने जाते हैं। प्रोफेसर वारसी की कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें मैथिली उर्दू भाषा और वितरण, दक्षिण एशिया में भाषाविज्ञान गतिशीलता और मीडिया पहुंच और प्रभावशीलता का मूल्यांकन शामिल हैं।


उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और मिशिगन विश्वविद्यालय (यूएसए) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाया है। वह अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में कॉलम भी लिखते हैं और पुरस्कार विजेता उपन्यास, ‘भामती’ का अनुवाद किया है, जिसे साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित किया गया है। वह साहित्य अकादमी की उर्दू सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्वर्ण पदक विजेता, प्रोफेसर वारसी को वर्ष 2012 के लिए सेंट लुइस, अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित जेम्स ई. मैकलियोड फैकल्टी पुरस्कार और पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी पुरस्कार भी मिला है।


उन्हें हाल ही में लिंग्विस्टिक सोसाइटी ऑफ इंडिया (एलएसआई) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।


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