जिले के समस्त ग्रामो में निर्विवाद उत्तराधिकार को 18 अक्टूबर तक अभियान चलाकर खतौनियों में किया जाएगा दर्ज
डीएम ने अभियान की समय-सारणी निर्गत कर एसडीएम एवं तहसीलदारों को दिए निर्देश
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ| जिलाधिकारी विशाख जी0 द्वारा जिले के समस्त ग्रामो में निर्विवाद उत्तराधिकार को अभियान चलाकर खतौनियों में दर्ज कराये जाने के सम्बन्ध में सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने बताया कि राजस्व अभिलेखों को अद्यतन रखने के दृष्टिगत शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि राजस्व प्रशासन के द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में (वरासत) दर्ज करने के लिए आगामी दो माह यानि 18 अक्टूबर तक का विशेष अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
जिलाधिकारी ने तत्क्रम में आवेदन की प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आवेदक द्वारा प्रार्थना पत्र या रिपोर्ट दिये जाने की स्थिति में आवेदक स्वयं ऑनलाइन अथवा जनसेवा केन्द्र पर प्रार्थना पत्र भरने के लिए राजस्व परिषद की वेबसाइट bor.up.nic.in के मुखपृष्ठ पर दिये गये राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रव्धन प्रणाली लिंक पर उपलब्ध उत्तराधिकार या वरासत के लिए आवेदन (प्रपत्र आर०सी० 09 पूर्व में पक-11 क) लिंक पर जाकर अपना मोबाइल नम्बर अंकित करेगा, तत्पश्चात मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी को भरकर अपना पंजीकरण करेगा और वॉछित सूचनायें पोर्टल पर भरेगा।
लेखपाल द्वारा रिपोर्ट दिये जाने की स्थिति में लेखपाल द्वारा अपनी लॉगिन आई्डी से उत्तराधिकार या वरासत सम्बन्धी विवरण भरा जा सकेगा। आवेदक अथवा लेखंपाल द्वारा प्रार्थना पत्र भरे जाने के पश्चात सबमिट करते ही आवेदन क्रमांक स्वतः जनरेट हो जायेगा और सम्बन्धित राजस्व ग्राम के हल्का लेखपाल और सम्बन्धित राजस्व निरीक्षक के लॉगिन आई०डी० पर स्वतः प्रेषित हो जायेगा। उक्त प्रार्थना पत्र, रिपोर्ट, लेखपाल द्वारा सत्यापन के आधार पर मृतक, विवाहिता, पुनर्विवाहिता की वरासत दर्ज किये जाने के लिए निर्धारित तिथियों में समय सारणी अनुसार निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज कराये जाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
डीएम ने अभियान की तिथिवार जानकारी देते हुए बताया कि 31 अगस्त तक राजस्व या तहसील अधिकारियों द्वारा राजस्व ग्रामों में भ्रमण कर प्रचार-प्रसार करते हुए खतौनियों का पढ़ा जाएगा और लेखपाल द्वारा वरासत के लिए प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरा जाएगा। 01 सितम्बर से 15 सितम्बर तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्थानुसार ऑनलाइन जॉच की प्रकिया के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। 16 सितम्बर से 30 सितम्बर तक राजस्व निरीक्षक द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्थानुसार जॉच एवं आदेश पारित करने की प्रकिया के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामान्तरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के पश्चात खतौनी की प्रविष्टियों को भू-लेख साफ्टवेयर में अद्यावधिक किया जाएगा। 01 अक्टूबर से 05 अक्टूबर तक प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार एवं उप जिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र देंगे कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रा्मों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है। 06 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक अभियान के अंत में जनपद की प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रेण्डमली चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिलाधिकारियों, उप जिलाधिकारियों व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जॉच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि 01 सितम्बर, 15 सितम्बर एवं 30 सितम्बर को जनपद की प्रगति की पाक्षिक रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की बेववाइट पर फीड करना करें और पाक्षिक रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायी जाए। 16 अक्टूबर को परिषद को संलग्न निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाएगा।
जिलाधिकारी ने अभियान को सफलतापूर्वक सम्पादित करने के लिए सभी उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों का दायित्व निर्धारित करते हुए निर्देशित किया है कि वह प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये निर्धारित तिथि के अनुसार भ्रमण कार्यक्रम तैयार करते हुये, उसे सभी संबंधित राजस्य निरीक्षकों व लेखपालों को सूचित करें। जिन ग्रामों के अधिकतर काश्कार अन्य स्थानों पर निवास करते हों, उन ग्रामों पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भ्रमण कार्यक्रम की प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी व अन्य शासकीय. विभागों को भी सूचनार्थ एवं यथावांछित सहयोग के लिए प्रेषित की जाये। उन्होंने पंचायती राज विभाग एवं नगर विकास विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया है कि राजस्व निरीक्षक द्वारा आयोजित ग्राम राजस्व समिति की बैठक में परिवार रजिस्टर, जन्म-मृत्यु रजिस्टर व अन्य सम्बन्धित अभिलेखों के साथ उपस्थित रहें, ताकि राजस्व अभिलेखों, पंचायती राज विभाग एवं नगर विकास विभाग के अभिलेखों में एकरूपता रहे और तीनों विभागों के द्वारा रक्षित अभिलेखों को एक ही साथ अद्यावधिक किया जा सके। एसडीएम एवं तहसीलदार यह भी सुनिश्चित करेंगें कि राजस्व निरीक्षकों द्वारा प्राप्त कराये गये समस्त प्रपत्रों के अनुसार राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) या सदर कानूनगो द्वारा यथाशीघ्र कम्प्यूटरीकृत खतौनी में निर्विवादित उत्तराधिकारियों के नामों की प्रविष्टि कराते हुये “भूलेख” साफ्टवेयर अद्यावधिक कर दिया जाये व तदनुसार अद्यावधिक खतौनी की नकलें निर्गत की जायें।
डीएम ने कहा कि ऐसे काश्तकारों के लिये, जो सामान्यतः ग्रामों में निवास नहीं कर रहे हैं या जिनका निर्धारित दिवस पर राजस्व ग्रामों में पहुंचना सम्भव न हो, उनके लिये प्रत्येक तहसील में एक काउण्टर खोलते हुये अविवादित वरासतों को दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र प्राप्त किये जायें और उनकी सहायता के लिये हेल्प लाइन तथा जन सुविधा केन्द्रों का भी उपयोग किया जाये। उन्होंने कहा कि अभियान से संबंधित आवश्यक सूचना राजस्व परिषद की वेवसाइट पर निर्धारित प्रारूप पर समयान्तर्गत अनिवार्य रूप से फीड करें, इन्ही सूचनाओं के आधार पर प्रगति की समीक्षा की जायेगी।
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गुरू गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार के लिए 15 अक्टूबर तक करें आवेदन
डीडीओ ने सभी बीडीओ एवं तहसीलदारों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
अलीगढ़ 20 अगस्त 2024 (सू0वि0): जिला विकास अधिकारी आलोक आर्य ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया है कि वर्ष-2024-25 के लिये प्रदेश में निवासरत व्यक्तियों जिन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय एवं राष्ट्रीय एकीकरण के क्षेत्र में सर्वाेत्कृष्ट कार्य किया हो एवं इसके लिए पूर्णतः समर्पित रहे हों, को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करने के उद््देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा गुरू गोविन्द सिंह जी के जन्म दिवस (5 जनवरी) पर ’’गुरू गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’’ प्रदान किये जाएंगे। पुरस्कार स्वरूप एक लाख का नगद एवं प्रशस्ति-पत्र दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि जनपद से इस पुरस्कार के मापदण्डों को पूरा करने वाले पात्र महानुभावों के न्यूनतम एक-एक प्रस्ताव, उनके द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों का तथ्यात्मक कर विवरण एवं अभिलेख साक्ष्यों के साथ निर्धारित प्रारूप पर स्पष्ट आख्या एवं संस्तुति सहित शासन को प्रेषित किया जाना है।
डीडीओ ने जिले के सभी खण्ड विकास अधिकारियों एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि शासनादेश में दिये गये निर्देशों के अनुसार प्रस्ताव चार प्रतियों में विकास भवन स्थित जिला विकास अधिकारी कार्यालय में 15 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, जिससे प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये जा सके। 15 अक्टूबर के पश्चात प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जायेगा।