अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ|। श्री गणेश जन सेवा समिति के तत्वावधान में 18 वें श्री गणेश चतुर्थी महोत्सव के उपलक्ष्य में एक आवश्यक बैठक चंपा मार्केट क्वार्सी पर आहूत की गई।संस्था के अध्यक्ष पवन शर्मा के द्वारा बताया गया कि श्री गणेश चतुर्थी महोत्सव कार्यक्रम 7 सितंबर से 17 सितम्बर तक चंपा मार्केट गणेश नगर क्वार्सी पर धूमधाम से आयोजित होगा।सर्वप्रथम 7 सितंबर को सुबह 10 बजे भगवान श्री गणेश की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा व नगर भृमण किया जाएगा।8 सितंबर को इसी क्रम में भजन संध्या,9 सितंबर को रात्रि 8 बजे से शिव विवाह,10 सितंबर को महिलाओ का कार्यक्रम,11 सितंबर को बच्चो के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन।15 सितंबर को भगवान श्री गणेश की भव्य महाआरती का आयोजन व 17 सितंबर को विसर्जन यात्रा क्वार्सी क्षेत्र मे भ्रमण करती हुई नरौरा गंगा घाट पर संपन्न होगी।बैठक मे मुख्य रूप से पवन शर्मा,कुंज बिहारी दुबे,जय प्रकाश वर्मा,लाला श्याम लाल,पिंकी चाउमीन,महेश कुमार,अशोक कश्यप,रोहताश सिंह,गोपाल सिंह,गजराज सिंह,राकेश बघेल आदि लोग मौजूद रहे।
श्री गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्यों?
अधिकतर लोग एक दूसरे की देखा देखी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं। और 3 या 5 या 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी करेंगे। विसर्जन केवल महाराष्ट्र में होता हैं। क्योंकि गणपति वहाँ एक मेहमान बनकर गये थे। वहाँ लाल बाग के राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश जी को अपने यहाँ बुलाया और कुछ दिन वहाँ रहने का आग्रह किया था जितने दिन गणेश जी वहां रहे उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि वहीं रही इनके रहने से लालबाग धन धान्य से परिपूर्ण हो गया।
कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया‚ यही पूजन गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। अब बात करें देश के अन्य स्थानों की तो गणेश जी हमारे घर के मालिक हैं और घर के मालिक को कभी विदा नही करते। हम बड़े शौक से कहते हैं गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी को जबरदस्ती पानी मे बहा दिया। पिछले कई वर्षों से देखने को मिल रहा है‚ कि विसर्जन भी ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा यह श्री गणेश प्रतिमा का अनादर ही तो है। पूजन के बाद श्री गणेश प्रतिमा की दुगर्ति होना कहां उचित हैॽ इसलिए गणेश जी की स्थापना अवश्य करें पर विसर्जन कभी न करे।
ओम एकदंताय नमो नमः।।
डेटा इंजीनियरों को सशक्त बनाने के लिए हुआ वेबिनार का आयोजन
अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल एवं टीसीएस आईओएन द्वारा भविष्य के डेटा इंजीनियरों को सशक्त बनाने के लिए “ट्रांसफॉर्मिंग डाटा इनटू इंटेलिजेंस: मास्टरिंग डेटा इंजीनियरिंग” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार का उद्देश्य छात्रों को डेटा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करना था। वेबिनार में विशेषज्ञों के पैनल ने डेटा इंजीनियरिंग में नवीनतम रुझानों, तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।
इंस्टीट्यूट ऑफ डेटा इंजीनियरिंग, एनालिटिक्स एंड साइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अग्निमित्र बिस्वास ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में डेटा इंजीनियरिंग के कार्य के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इंस्टीट्यूट ऑफ डेटा इंजीनियरिंग, एनालिटिक्स एंड साइंस के प्रौद्योगिकी प्रमुख डा. दीप्तेंदु दत्ता ने डेटा विज्ञान, डेटा इंजीनियरिंग और डेटा विश्लेषण को पहचानने के संबंध में बताया। प्रश्नोत्तर दौर में प्रतिभागियों को अपनी शंकाओं को दूर करने और विषय वस्तु की गहरी समझ प्राप्त करने का अवसर मिला। ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के प्रभारी डा. विपिन कुमार ने बताया कि मंगलायतन विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को अत्याधुनिक कौशल और ज्ञान विकसित करने के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।