अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने चल रहे ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अन्तर्गत आज एमएएस में स्वास्थ्य जांच शिविर, ‘सफाई मित्र सुरक्षा शिविर’ का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन सफाई मित्र राकेश ने कुलपति प्रो. नईमा खातून व रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान आईपीएस के साथ मिलकर किया। शिविर विश्वविद्यालय के सफाई मित्रों (सफाई कर्मचारियों) के स्वास्थ्य और सुरक्षा को समर्पित था, जो परिसर की सफाई में के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।
जांच शिविर में मेडिसिन, नेत्र रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा और प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा 150 से अधिक सफाई मित्रों की जांच की गई। चिकित्सा मूल्यांकन के अलावा, सामुदायिक चिकित्सा विभाग के सलाहकारों ने स्वास्थ्य चर्चा भी आयोजित की और निवारक स्वास्थ्य देखभाल उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा पर्चे वितरित किए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. नईमा खातून ने परिसर की सफाई सुनिश्चित करने में सफाई मित्रों की आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ‘सफाई मित्र सुरक्षा शिविर’ उनके स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कुलपति ने कहा कि एक स्वच्छ, हरा-भरा एएमयू का वातावरण तभी संभव है जब यहां के सफाई मित्र भी स्वास्थ्य हैं।
रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान, आईपीएस ने ‘स्वच्छता’ शपथ दिलाई और सफाई मित्रों की कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल एएमयू के अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करने में मदद करेगी, जो परिसर की सफाई में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इससे पूर्व, एमएएस के निदेशक प्रो. हम्माद उस्मानी ने अपने स्वागत भाषण में स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत आयोजित शिविर के बारे में बताया। विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अली जाफर आब्दी ने स्वच्छता और इसे बनाए रखने वालों के कल्याण के लिए एएमयू के समर्पण पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नजमुल हुदा और चिकित्सकों की सराहना की, जिनमें प्रो. नेहा अग्रवाल, डॉ. नाजिया इशरत, डॉ. फराज अहमद और डॉ. सैयद अमान अली के अलावा डॉ. शिवांगी कुमारी, डॉ. मुंतजिम, डॉ. असमा, डॉ. आंचल, डॉ. मोहम्मद बिलाल, डॉ. सैमुअल जी मोनिन, डॉ. तेजल श्रीवास्तव, फराया, डॉ. शोएब हाशमी, और डॉ. हृदया जे., डॉ. सबाअत फातिमा, और डॉ. शिवानी सिंघल की शिविर की सफलता सुनिश्चित करने में अहमद भूमिका रही।
डा. फारूक अहमद डारएनसीआईएसएम के प्रथम चरण के समन्वयक नियुक्त
अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़| राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली परिषद (एनसीआईएसएम), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनानी चिकित्सा संकाय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. फारूक अहमद डार को यूनानी एमडी पाठ्यक्रमों के लिए स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए पहले चरण का समन्वयक नियुक्त किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप, एनसीआईएसएम आयुष चिकित्सा शिक्षा को नया रूप देने के लिए योग्यता आधारित पाठ्यक्रम पर विशेष ध्यान दे रहा है। पाठ्यक्रम में आठ यूनानी विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। डॉ. डार को प्रथम चरण के लिए समन्वयक नियुक्त किया गया है। वे अपनी विशेषता, मनाफुल अजा (फिजियोलॉजी) के लिए पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर रहे हैं।
डॉ. डार ने पहले एनसीआईएसएम के लिए पाठ्यक्रम विकास में योगदान दिया है, स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष और एएसयू पीजी पाठ्यक्रमों के लिए अनुसंधान पद्धति और चिकित्सा सांख्यिकी के लिए पाठ्यक्रम विकसित करने में एक विशेषज्ञ सदस्य के रूप में कार्य किया है।