अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी ने लाइब्रेरी के कल्चरल हॉल में ‘ई-रिसोर्स और एएमयू ई-लाइब्रेरी की खोज’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य एएमयू के ई-रिसोर्स और ई-लाइब्रेरी पोर्टल के बारे में जागरूकता बढ़ाना, शिक्षक और शोधकर्ताओं को अपनी अकादमिक और शोध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना था।
सहायक लाइब्रेरियन डॉ. सैयद शाज हुसैन ने यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन प्रो. निशात फातिमा, कार्यशाला समन्वयकों और रिसोर्स पर्सनों, भावना गोस्वामी और विशाल शर्मा का स्वागत किया। उन्होंने मौलाना आजाद लाइब्रेरी के व्यापक ज्ञान संसाधनों पर प्रकाश डाला तथा इसके सब्सक्राइब्ड ई-रिसोर्स पर जोर दिया।
भावना गोस्वामी ने एएमयू ई-लाइब्रेरी पोर्टल और ऐप को नेविगेट करने के तरीके पर एक लाइव प्रदर्शन के साथ कार्यशाला का नेतृत्व किया, जिसमें विभिन्न शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंचने के प्रभावी तरीके दिखाए गए। सत्र में जीवंत प्रश्नोत्तरी भी शामिल थी, जिसमें प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर दिया गया।
प्रो. निशात फातिमा ने आधुनिक शिक्षा जगत को आगे बढ़ाने में इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, रिसोर्स पर्सनों के प्रभाव और बहुमूल्य योगदान की सराहना की, जिससे एक समृद्ध शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा मिला। कार्यशाला का समापन डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. मुनव्वर इकबाल के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने बताया कि कार्यक्रम में लगभग 148 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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डा. लामान सामी ने लंदन में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया
अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लामान सामी ने हाल ही में ‘कॉर्पोरेट प्रशासन, जिम्मेदारी और पूंजीवाद की संस्थागत विविधताः वैश्विक संवाद की ओर’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। सम्मेलन लंदन के लॉफबोरो विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया, जिसमें कॉर्पोरेट प्रशासन और जिम्मेदारी में प्रमुख रुझानों पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर के विद्वान और गणमान्य व्यक्ति एक साथ आए।
डॉ. सामी ने अपना शोध पत्र ‘भारत में ईएसजी अभ्यासः उच्च शिक्षा में धारा 8 संगठनों पर एक अध्ययन’ शीर्षक से प्रस्तुत किया, जिसमें धारा 8 संगठनों में पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) ढांचे को शामिल करने की जांच की गई, विशेष रूप से भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों के भीतर। उनके शोध ने ईएसजी रिपोर्टिंग और कार्यान्वयन के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों पर प्रकाश डाला, शैक्षिक संगठनों के लिए अधिक मानकीकृत दिशानिर्देशों का आह्वान किया। डॉ. सामी ने लंदन में बिजनेस स्कूलों के साथ संभावित अकादमिक सहयोग की भी खोज की, जिसका उद्देश्य एएमयू की अंतर्राष्ट्रीय अकादमिक साझेदारी को और मजबूत करना है।