अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़:अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज दवाखाना द्वारा बनाए जाने वाले मशहूर हर्बल उत्पाद "दिमागीन" पर विवाद खड़ा हो गया है। यह उत्पाद लंबे समय से दिमाग को मज़बूत करने के लिए तैयार किया जा रहा है। हाल ही में, एक बैग पर छपे दिमागीन के विज्ञापन में उर्दू भाषा में गलती की वजह से सोशल मीडिया पर पूरी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पूर्व छात्रों ने एवं यूनिवर्सिटी बिरादरी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की आलोचना शुरू कर दी।
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए अजमल खान तिब्बिया कॉलेज मुस्लिम यूनिवर्सिटी दवाखाना के मार्केटिंग हेड शरिक आज़म ने संवादाता से बात करते हुए स्पष्ट किया कि यह गलती यूनिवर्सिटी की नहीं, बल्कि एक वितरक की है। बयान में कहा कि किसी वितरक ने नए साल के उपहार के लिए बैग बनवाया था, जिसमें उर्दू में "दिमागीन" गलत लिखा गया।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अजमल खान तिब्बिया कालेज दवाखाना के शरिक आज़म ने सफाई देते हुए कहा कि इस गलती से उनका कोई सीधा संबंध नहीं है। साथ ही, पूरे देश में दिमागीन के सभी वितरकों को मेल के जरिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि भविष्य में किसी भी सामग्री को छपवाने से पहले अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के दवाखाने से अनुमति लेना अनिवार्य होगा|
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी दवाखाना ने यह कदम इस प्रकार की बड़ी गलती को दोबारा रोकने के उद्देश्य से उठाया है।