अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में अपने साथियों झूठी शिकायतें करने वाले प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है। कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के आरोपी प्रोफेसर हिंदू छात्रा बनकर अपने साथियों की झूठी शिकायतें करते थे। जिसके बाद पीड़ित प्रोफेसर ने खुद ही उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए थे और इसकी जानकारी इंतजामिया और पुलिस को दी थी।
अलीगढ मीडिया डिजिटल को मिली जानकारी के मुताविक आरोपी प्रोफेसर ने हिंदू और मुस्लिम छात्राओं के नाम पर अपने ही विभाग के एसो. प्रोफेसर की झूठी शिकायतें की थी। जिसके बाद यह मामला खुला था और पुलिस ने भी आरोपी शिक्षक से पूछताछ की थी। पुलिस की रिपोर्ट मिलने के बाद एएमयू ने आरोपी प्रोफेसर को नोटिस देकर उनका जवाब मांगा था, लेकिन उन्होंने यूनिवर्सिटी को अपना जवाब नहीं दिया है।
एएमयू के रजिस्ट्रार इमरान खान (IPS) ने आरोपी प्रोफेसर को नोटिस देकर उनका स्पष्टीकरण मांगा था। लेकिन कई सप्ताह बीतने के बाद भी आरोपी प्रोफेसर ने अधिकारियों को जवाब नहीं दिया। जिसके बाद रजिस्ट्रार ने उनके ऊपर कार्रवाई की है। अनुशासन हीनता और झूठी शिकायते करने के आरोपी प्रोफेसर रियाजुद्दीन को सस्पेंड कर दिया गया है और उन्हें इस दौरान सिर्फ गुजारा भत्ता ही दिया जाएगा।
अनुशासन हीनता और झूठी शिकायते करने के आरोपी प्रोफेसर रियाजुद्दीन को सस्पेंड कर दिया गया है और उन्हें इस दौरान सिर्फ गुजारा भत्ता ही दिया जाएगा। इसके साथ ही अधिकारियों ने उनके जिला छोड़कर बाहर जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। वह जांच पूरी होने तक बाहर नहीं जा सकेंगे। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रियाजुद्दीन पर आरोप है कि उन्होंने अपने डिपार्टमेंट की झूठी शिकायते की। उनके विभाग के एसो. प्रोफेसर ने यह गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया था कि प्रोफेसर हिंदू और मुस्लिम छात्राओं के नाम पर उनकी झूठी शिकायतें करते हैं। ऐसा उन्होंने एक दो नहीं बल्कि पूरे 22 बार किया है।
आरोपी प्रो. रियाजुद्दीन डाक विभाग से रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट के जरिए पुलिस को शिकायत करते थे और अधिकारी गुमराह होकर मामले की जांच शुरू कर देते थे। प्रोफेसर अपने एसोसिएट प्रोफेसर पर धार्मिक आरोप, परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर संबंधी आरोप लगाते थे। आरोप गंभीर होने के कारण अधिकारी उसकी छानबीन शुरू कर देते थे।
उन्होंने 20 सितंबर को भी एक हिंदू छात्रा के नाम से झूठी शिकायत की। एसो. प्रोफेसर ने डाक विभाग की सीसीटीवी फुटेज भी एएमयू के अधिकारियों और पुलिस को सौंपी है, जिसमें आरोपी प्रोफेसर झूठा शिकायती पत्र भेजने आया था। जिसके बाद आरोपी प्रोफेसर को नोटिस जारी किया गया है।
आरोपी प्रोफेसर ने पुलिस के सामने कबूल किया अपना जुर्म
एसो. प्रोफेसर से मिले साक्ष्यों के बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों ने आरोपी प्रोफेसर से पूछताछ की। पहले वह सभी आरोपों को नकारते रहे और कहा कि वह अपनी व्यक्तिगत पोस्ट करने गए थे। जब शिकायती पत्र और प्रोफेसर को मिलने वाली रसीद का समय मिलान किया गया और रिकॉर्डिंग देखी गई तो सारी सच्चाई सामने आ गई। उन्होंने अधिकारियों के सामने सारी बात कबूल की। इसके ऑडियो वीडियो पुलिस ने एएमयू इंतजामिया के सुपुर्द कर दिए हैं।आरोपी प्रोफेसर को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है। एएमयू के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तय है। सस्पेंड करने के साथ ही जांच शुरू कर दी गई है।