अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़|एसएसपी अलीगढ़ संजीव सुमन द्वारा पुलिस कार्यालय में पुलिस पेंशनर्स के साथ मीटिंग की गई । इस दौरान महोदय ने पेंशनर्स की विभागीय और पारिवारिक समस्याओं के बारे में जानकारी ली । एसएसपी महोदय द्वारा उनकी समस्याएं पूछते हुए सुझाव मांगे एवं समस्याओं के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए गये ।
एसएसपी ने कहा कि पुलिस पेंशनर्स पुलिस परिवार का अभिन्न अंग है, सभी पेंशनर्स स्थानीय पुलिस के साथ सम्पर्क बनाये रखें और खुद को महकमे का व्यक्ति समझें , समाज में संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखें, आप अपने आसपास होने वाली घटनाओं के बारे में सही जानकारी देकर अपराध को रोकने में पुलिस की मदद कर सकते हैं और यदि किसी को कोई समस्या है तो वह सीधे सम्पर्क कर सकते हैं उनकी समस्याओं का जल्द निस्तारण किया जाएगा।
मीटिंग के दौरान हारून रसीद खान (कोषाध्यक्ष), मन्नी लाल गौड़ (उपाध्यक्ष), कप्तान सिंह चौहान (महासचिव), श्री कुंवर जाहिद अली (उप सचिव) व श्री पीतम सिंह(Retd. DySP) आदि उपस्थित रहे ।
साइबर सेल टीम द्वारा विजन इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी में साइबर सेमिनार का किया गया आयोजन
साइबर जागरूकता कार्यक्रम के तहत सभी छात्र- छात्राओं व अध्यापको को बढ़ते साइबर अपराधों से बचाव के बारे में जानकारी देकर किया गया जागरुक
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशन में साइबर सेल टीम द्वारा साथ विजन इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्तमान समय में होने वाले विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों जैसे लोन एप के माध्यम से फोन का एक्सेस लेकर पैसे मांगना,परिचित बनकर खातें मे पैसे डालने का बहाना बनाकर आनलाईन ठगी करना, लॉटरी व उपहार का लालच देकर आनलाईन ठगी करना, मोबइल सिम व खाते को अपडेट करने के बहाने खाते व ए.टी.एम की जानकारी लेकर आनलाईन ठगी करना, गूगल से कस्टमर केयर का न0 सर्च कर बात करने पर ठगी होना, साइबर स्लेवरी, फेसबुक व व्हाट्सएप पर दोस्ती कर विडियो कॉल के द्वारा अश्लील विडियो बनाकर ब्लैकमेल करना, ओ एल एक्स तथा फेसबुक पर सामान बेचने व खरीदने के बहाने से ठगी करना के बारे मे जानकारी दी गई ।
साइबर अपराध से बचने के तरीको जैसे किसी अन्जान नम्बर से परिचित बनकर आने वाली फोन कॉल पहले अपने फोन से उक्त परिचित से बात कर लेने से इस प्रकार की घटना से बचा जा सकता है तथा अपने फोन पर सिम व खाते को अपडेट कराने वाली फोन कॉल से बचें । यदि आपको कभी भी किसी कम्पनी के कस्टमर केयर नम्बर की आवश्यकता होती है तो सदैव उस कम्पनी की वास्तविक साइट पर जाकर फोन नम्बर प्राप्त करें, साइबर अपराधियों द्वारा आवाज को कॉपी कर व वीडियों काल पर परिचित का चहरा लगाकर AI (आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स) के द्वारा सगे सम्बन्धियों से साइबर ठगी की जाती है जिससे बचने के लिए सम्बन्धित व्यक्ति से बात कर पूर्ण पुष्टि कर लेना चाहियें तथा साइबर ठगों द्वारा नकली पुलिस अधिकारी बनकर पीडित को फोन पर बताया जाता है कि आप के नाम से एक शिकायत दर्ज हुई है झूठें मामलें को लेकर पीडित को पहले काफी डरा धमकाया जाता है इसके बाद घर से बाहर निकलने से मना कर देतें है कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है पुलिस द्वारा इस प्रकार डिजिटल अरेस्ट नही किया जाता है अगर किसी के पास ऐसी कॉल आती है तो वह फ्रॉड काल है इसे इग्नोर करें। इस प्रकार वर्तमान समय मे होने वाली साइबर अपराध की घटनाओं से बचा जा सकता है। यदि साइबर अपराध की घटना हो जाती है तो इसकी सूचना तुरन्त साइबर अपराध हैल्पलाइन न0 1930 पर कॉल करें तथा इसकी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस पोर्टल पर करने के बारें मे भी बताया गया।