वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़| जिलाधिकारी संजीव रंजन द्वारा 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कलैक्ट्रेट में ध्वजारोहण के उपरान्त उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों एवं जिलास्तरीय अधिकारियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देकर उन्हें संविधान की शपथ भी दिलाई। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने जय स्तम्भ पर पुष्पांजलि अर्पित कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं वीर सैनिकों को नमन कर उनको श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर जिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी वित्त ने क्रमशः आम एवं अमरूद का पौधा रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
उन्होंने अपने संबोधन में जनपदवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आजादी के बाद देश के बहुत सी चुनौतियां और समस्याएं थीं जिनमें सबसे बड़ी चुनौती देश के विकास की थी। आजादी की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के ऊपर जब देश के विकास का दायित्व आया तो उन्होंने विश्व भर के संविधान का मंथन कर उनमें से अच्छी-अच्छी बातों को अपने संविधान में शामिल किया। हमारा संविधान कोई किताब नहीं बल्कि एक गं्रथ है, जिसमें जनभावनाओं को मूर्त रूप दिया गया है। हम सभी को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारांे और कर्तव्यों का पालन करते हुए देश के विकास के लिए अपना सक्रिय योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भारत आर्थिक विकास के पथ पर अग्रसर है और दुनियां की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारे संविधान ने हमें बहुत कुछ दिया है। उन्होंने कहा कि जब देश के दूर-दराज के क्षेत्रों समेत प्रत्येक नागरिक को संविधान के बारे में सही से जानकारी होगी तभी संविधान निर्माण का उद््देश्य सफल होगा।
इस अवसर पर एडीएम पंकज कुमार, मीनू राणा, अखिलेश कुमार यादव, नगर मजिस्ट्रेट रमाशंकर, एसीएम सुधीर कुमार सौनी, संजय मिश्रा, मो0 अमान, वरिष्ठ कोषाधिकारी योगेश कुमार समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
सीडीओ ने विकास भवन में किया ध्वजारोहण:
मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने विकास भवन प्रांगण में ध्वाजारोहण के उपरांत राष्ट्रगान कर तिरंगे को सलाम किया। ध्वजारोहण के उपरांत संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया। सीडीओ ने उपस्थित विकास भवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान की प्रस्तावना ही संविधान की आत्मा है। उन्होंने कहा कि गणतंत्र हमें अपने राष्ट्र पर गर्व करने के साथ ही वीर शहीदों को नमन करने का अवसर प्रदान करता है। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा एवं लिखित संविधान है। भारत के संविधान में मौलिक अधिकारों को संयुक्त राज्य अमेरिका से लिया गया है जो भारत के प्रत्येक नागरिक को प्राप्त है मौलिक अधिकार भारत के संविधान की आत्मा है। यह मौलिक अधिकार देश के अंतिम पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति को भी आवाज देता है।
इस अवसर पर पीडी डीआरडीए भाल चन्द त्रिपाठी समेत विकास भवन के सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।