चंचल वर्मा, अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अतरौली|बरला थाना क्षेत्र के गांव नगला खिटकारी निवासी कृपाल सिंह का बेटा बादल बाबू सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन निवासी सना रानी से प्रेम करने लगा था। उससे मिलने पाकिस्तान पहुंच गया था। जिसके बाद पाकिस्तान की जेल में बंद बादल बाबू को पाकिस्तान की अदालत ने एक साल कैद और 5 हजार रुपये (भारतीय मुद्रा) के जुर्माने की सजा सुनाई है। इसमें चार महीने वह जेल में पूरे कर चुका है। बादल अपनी पाकिस्तानी प्रेमिका से मिलने के लिए अवैध रूप से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया था, वहां की पुलिस ने उसे पकड़ कर जेल में बंद कर दिया था। हालांकि एक साल की सजा को लेकर बादल बाबू के वकील ने ऊपरी अदालत में अपील करने की बात कही है।
बरला थाना क्षेत्र के गांव नगला खिटकारी निवासी कृपाल सिंह का बेटा बादल बाबू सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन निवासी सना रानी से प्रेम करने लगा था। उससे मिलने पाकिस्तान पहुंच गया था। 27 दिसंबर 2024 को उसे वहां की पुलिस ने पकड़कर जेल में डाल दिया था। कृपाल सिंह व उनकी पत्नी बेटे को लेकर बेहद परेशान थे।
सोशल मीडिया के जरिए उनसे पाकिस्तान के अधिवक्ता फियाज रामे ने संपर्क किया। बादल की मां को रोता देख और उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए फियाज रामे ने बिना फीस के ही उनका केस लड़ने का एलान किया था। 10 जनवरी 2025 को फियाज रामे ने इस मामले की पैरवी शुरू की। पुलिस की चार्जशीट दाखिल होने के बाद उन्होंने मुकदमे में बादल बाबू का पक्ष रखना शुरू किया।
पाकिस्तान से फियाज रामे ने कृपाल सिंह को फोन पर बताया कि उनके बेटे को पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन की जिला अदालत ने एक साल कारावास और पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस सजा में से चार महीने बादल बाबू जेल में काट चुका है। फियाज रामे ने बताया कि बादल बाबू को मिली सजा के खिलाफ वह ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। प्रयास करेंगे कि एक साल जेल की सजा में भी उसे कुछ कम सजा मिले ताकि वह बरी हो सके। जल्द से जल्द अपने घर लौट सके। परिजनों को इंतजार है कि कब उनका बेटा जेल से छूटकर भारत आए। परिजनों ने बिना फीस के केस लड़ रहे पाकिस्तानी अधिवक्ता फियाज रामे को शुक्रिया अदा किया है।
17 अप्रैल को सना रानी भी पेश हुई थी अदालत में
अधिवक्ता फियाज रामे ने बताया कि सुनवाई के दौरान 17 अप्रैल को सना रानी को भी अदालत में पेश किया गया था। उससे पूछा गया कि बादल बाबू से कब, कैसे और कितने दिनों से संपर्क में हैं। उस वक्त बादल बाबू और सना रानी ने एक दूसरे को देखा जरूर लेकिन कोई बात नहीं हुई। पुलिस की चार्जशीट में बादल बाबू से मिली फेसबुक चैट के जरिए अदालत ने उसे जासूस नहीं माना, बस गलत तरीके से सीमा पार करने के जुर्म में यह सजा दी है। (साभार:सोशल मीडिया)