जिलाधिकारी ने वीर पत्रकारों के चित्रों का किया लोकार्पण
डीएम के निर्देश पर सूचना कार्यालय में चित्र होंगे स्थापित
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़: जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष कलैक्ट्रेट में हिंदी पत्रकारिता दिवस पर एक गरिमामयी समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उल्लेखनीय योगदान देने वाले अलीगढ़ जिले के वीर पत्रकारों और संपादकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी संजीव रंजन को आजादी का अमृत महोत्सव के जिला समन्वयक सुरेन्द्र शर्मा द्वारा क्रांतिकारी पत्रकारों के दुर्लभ चित्र भेंट किए गए। इन चित्रों का लोकार्पण कर उपस्थित जनों को पत्रकारिता की भूमिका और उसके ऐतिहासिक योगदान का स्मरण कराया गया।
इस अवसर पर पत्रकारिता और देशभक्ति के मिलन का प्रतीक रहे कई महान व्यक्तित्वों को याद किया गया, जिनमें विशेष रूप से श्री होती लाल वर्मा जी ’’वंदे मातरम’’ समाचार पत्र के अलीगढ़ रिपोर्टर, जिन्हें 1908 में काला पानी की सजा दी गई। यह देश में किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को दी गई पहली सजा थी। श्री रमेश चंद्र आर्य जी ’’वीर अर्जुन’’ के सहायक संपादक, जिन्हें 18 जून 1943 को अलीगढ़ जेल में क्रूर यातनाएं देकर शहीद कर दिया गया। श्री भगवान दास गौतम जी क्रांतिकारी पत्रकार एवं संपादक जो भगत सिंह जी के सहयोगी और उनके साथ लाहौर सेंट्रल जेल में निरुद्ध रहे। उन्होंने साइमन कमीशन विरोध में काले झंडे से विरोध प्रकट किया था। श्री मदन लाल हितेषी जी दैनिक प्रकाश अलीगढ़ के संपादक जोकि स्टेशन बम कांड में शामिल रहे।
जिलाधिकारी संजीव रंजन ने उपस्थित पत्रकारों और स्वतंत्रता सेनानी परिजनों को हिन्दी पत्रकारिता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि ’’हिंदी पत्रकारिता’’ ने न केवल आजादी की लड़ाई को स्वर दिया, बल्कि पत्रकारों ने अपनी लेखनी और जीवन दोनों देश को समर्पित किए। ऐसे वीर पत्रकारों की स्मृतियाँ हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं और सदैव रहेंगी। कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य नागरिक, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिकारियों ने स्वतंत्रता सेनानी पत्रकारों के प्रति श्रद्धा अर्पित की और पत्रकारिता के मूल्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार ने जिलाधिकारी एवं सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि अलीगढ़ की धरा से भी पत्रकार जगत ने आजादी की लड़ाई में अपनी आहूति दी है, इसको वास्तव में आज सही मंच मिला है। उस समय की विषम परिस्थियांे के बावजूद जब प्रेस पर अंग्रंेजों की पैनी नजर रहती थी आजादी की लड़ाई में सक्रिय योगदान देना अपने आप में चुनौतीपूर्ण कार्य था। ऐसे वीर शहीद पत्रकारों के विषय में आज के पत्रकार जब जानेंगे तो वह प्रोत्साहित होंगे कि विषम परिस्थितियों में भी सच्ची पत्रकारिता कैसे की जाती है।
इस अवसर पर डिप्टी कलैक्टर दिग्विजय सिंह, स्वतंत्रता सेनानी परिजन श्रीमती रजनी तौमर, श्री सुरेश चन्द्र शर्मा, श्री बसंत बंसल, श्री धर्मवीर सिंह, श्री कामेश गौतम, श्री प्रशांत हितैषी, श्री मुकेश भारद्वाज, श्री सुरेन्द्र कुमार वार्ष्णेय, श्री सागर मणि वार्ष्णेय, मोहित कुमार, पौपी कुमार समेत पत्रकार बन्धु पंकज धीरज, नीरज शर्मा, देवेन्द्र वार्ष्णेय, बीएन शर्मा, राजकुमार, मुकेश कुमार सिंह, पुष्पेद्र कुमार, संजीव शर्मा, उड़ान सोसाइटी के अध्यक्ष श्री ज्ञानेन्द्र मिश्रा उपस्थित रहे।
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