पूर्व विधायक व हथियार बंद गुर्गों पर होगी सख्त कार्यवाही, पत्रकार मनोज अलीगढ़ी के हमलावरों को लेकर SSP सख्त

Aligarh Media Desk

 उत्तर प्रदेश न्यूज़ पोर्टल एसोसिएशन ने की घटनाक्रम की निंदा

अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़। जनपद में उस समय पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठ खड़े हुए जब एक स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार मनोज अलीगढ़ी पर कवरेज के दौरान पूर्व विधायक के गुर्गो द्वारा जानलेवा हमले को लेकर पत्रकारों में आंक्रोश व्याप्त हेा गया और सभी पत्रकारों विरोध किया। घटना का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि पत्रकार मनोज अलीगढ़ी के पूर्व विधायक के गुर्गों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उत्तर प्रदेश न्यूज़ पोर्टल एसोसिएशन ने भी मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की हैं|

  यह हमला छह बार के हारे हुए व पूर्व विधायक वीरेश यादव के इशारे पर उनके गुर्गों ने हथियारों के बल पर जनलेवा हमला किया। यह घटना अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज परिसर में हुई, जहॉ हमलावरों ने खुलेआम हथियार लहराते हुए वरिष्ठ पत्रकार मनोज अलीगढ़ी को धमकाया और जान से मारने की धमकी दी।

   घटना के संबंध में मनोज अलीगढ़ी और उनके गुर्गों पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराने को एक प्रार्थना पत्र दिया है, लेकिन दो दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक थाने द्वारा कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। जबकि एसएसपी संजीव सुमन ने स्वयं इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए क्षेत्राधिकारी सिविल लाइन को तत्काल कार्यवाही करने और मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे।

  28/05/2025 को मेडिकल कॉलेज में मीट प्रकरण मामले में घायलों का हाल-चाल लेने समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल और सपा राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन सहित सेंकड़ों कार्यकर्ता घायलों का हाल-चाल लेने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया कवरेज करते समय छह बार के हारे हुए विधायक प्रत्याशी और पूर्व विधायक वीरेश यादव पुत्र बाबू सिंह यादव निवासी दीनपुर के इशारे पर असलाह धारी अवधेश कुमार पुत्र श्यौप्रसाद उर्फ सोपाली, राजेश कुमार उर्फ वंसी पुत्र निवासी सिंह, अवनीश कुमार पुत्र कुमरपाल, मुलायम सिंह पुत्र कलम सिंग व अन्य दो अज्ञात लोगों ने हथियार के बल पर मुझे जाति सूचक शब्द कहे और तेरे पत्रकारिता आज घुसेड़ देंगे और यदि तू अतरौली व दादों में दिखाई भी दे गया तो तेरी हत्या कर दी जाएगी, तू बड़ा भाजपा का समर्थन करता है, इसके अलावा उनके द्वारा मुझे भद्दी-भद्दी गलियां देते हुए मारपीट की और सीने पर बन्दूक रख दी और जान से मारने की धमकी दी। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस और एएमयू के सुरक्षाकर्मियों ने मुझे वहॉ से बचाया और उन लोगों को मौक़े से हटाया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश न्यूज़ पोर्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक सिंह ने कहा कि यह आरोपी भूमि माफिया, अपराधी और दबंग किस्म के लोग हैं, इनसे पत्रकारों की सुरक्षा जरूरी है।

     घटना से आहत होकर शुक्रवार को शहर के अम्बेडकर पार्क में विभिन्न पत्रकार संगठनों और स्वतंत्र पत्रकारों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और प्रशासन से दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मॉग की। पत्रकारों ने चेतावनी भी दी कि यदि शीघ्र कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगें। 

इस दौरान सूबे के मुखिया के नाम एक ज्ञापन पर कई पत्रकारों के हस्ताक्षर भी किए, जिनमें प्रमुख रूप से सुन्दर सिंह, यूपी न्यूज़ पोर्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक सिंह, सुशील तौमर, आर पी शर्मा, मुकेश सिंह, मनोज चौहान, विशाल सक्सैना, जितेन्द्र गुप्ता, विशाल नारायण शर्मा, जितेन्द्र कुमार, संदीप शर्मा, मयंक जैन, अजीत चौहान, डी0के0 गौतम, आलेश कुमार, गुलाब नवी, पुष्पेन्द्र सिंह, कामिनी कपूर, शकील अहमद, रोकी कुमार, भानू सैनी, संगीता चौधरी, अजीत बागड़ी, सोहन कुमार, प्रशान्त कुलश्रेष्ठ, भुवनेश प्रभाकर, सोनू वार्ष्णेय, चंद्र कुमार, भूपेन्द्र बौहरे, सत्यम, अकरम अण्डा, शशि गुप्ता आदि मौजूद रही। इस दौरान पत्रकारों ने यह भी कहा कि मीडिया की आवाज को दबाने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह मामला केवल एक पत्रकार पर हमला नहीं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। इस गंभीर घटना ने जिले की कानून व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं|