अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़। जिलाधिकारी के कार्यालय में तैनात लिपिक पीयूष साराभाई पर पूर्व में विभिन्न पदों पर रहते हुए लाखों रुपए की वित्तीय अनियमितताएं व सरकारी धन का गवन का आरोप है। इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता एवं भाजपा नेता डॉक्टर निश्चित शर्मा द्वारा शिकायत की गई थी जिसमें कई अधिकारियों द्वारा जांच की गई और आरोपी को दोषी पाया गया। लेकिन डीएम के आदेश पर का द्वारा की गई ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद भी कलेक्ट में बैठे कुछ अधिकारी फाइल को दबाने में लगे हुए हैं|
गौरतलब है पीयूष सारा भाई द्वारा प्रदर्शनी सहायक एवं प्रकीर्ण लिपिक के पद पर रहते हुए गड़बड़ी की शिकायत प्रकाश में आई थी जिसकी जांच डीएम के आदेश पर शहर के प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट पवन कुमार सिंह द्वारा की गई जिसमें लगभग 5:30 लाख की राशि का गवन दर्शाया गया है का का कहना है कि लिपिक द्वारा कैश बुक में रसीदों का बुरा दर्ज नहीं किया गया है तथा विभिन्न अभिलेखों में भी हेरा फेरी की गई है इसके अलावा रोकड़ वही का गलत इस्तेमाल करते हुए योग भी गलत दिखाया गया है।
इस पर संज्ञान लेते हुए यह रिपोर्ट अग्रिम कार्रवाई हेतु अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम के माध्यम से एडीएम प्रशासन की स्वीकृति के बाद जिलाधिकारी के समक्ष कार्यवाही हेतु प्रस्तुत की जानी है लेकिन एक दूसरे को बचाने की चाहत में अभी तक फाइल कार्रवाई के इंतजार में कलेक्ट्रेट में ही चक्कर काट रही है बताना जरूरी है यह कुल घोटाले की चौथाई भी तस्वीर नहीं है| अगर प्रशासन ने कठोर रवैया अपनाया तो परिणाम चौक आने वाले होंगे|
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट आदेशों व जिलाधिकारी की साफ नियत के बावजूद यह अधीनस्थ कब तक एक बाबू को बचाने में सफल रहेंगे और ईमानदार सरकार के मंसूबों पर पानी डालेंगे शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई तो वह जल्द ही मुख्यमंत्री के समक्ष पेश होकर पूरी लापरवाही का खुलासा करेंगे।