अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़| हरदुआगंज थाना इलाके क़स्बा हरदुआगंज कस्बे के नामी शैक्षिक संस्थान अग्रसेन इंटर कॉलेज के गेट पर सरेराह उसी कालेज के 11वीं के छात्र को बाहरी युवकों ने जमकर पीटा और पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पीड़ित छात्र नें आरोप लगाते हुये कि क्लास के ही साथी से कहासुनी के बाद 10–12 लड़के बुलाकर हमला करवा दिया। थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस नें कोई मुक़दमा दर्ज नहीं किया| लेक़िन अब क़स्बा इंचार्ज नें सात दिनों बाद मामले में मुक़दमा दर्ज कराया हैं|
CCTV से लैस कस्बे में हुईं घटना में जब कस्बा इंचार्ज ज्योति श्रीवास्तव की कार्यशैली पर सवाल उठे और मामला लखनऊ तक पहुँचा तब यह मुक़दमा दर्ज हुआ हैं। पुलिस का यह हाल तब हैं जब कस्बे में लगे दर्जनों CCTV कैमरो का एक्ससिस थाने के कंप्यूटर कक्ष में लगा हैं| पुलिस को वीडियो और लाइव मारपीट होती दिखती रही लेकिन कार्रवाई सात दिन बाद क़ी गई| मुक़दमा क़ी तहरीर में लिखी कहानी भी ऐसी हैं कि उससे जाँच के नाम लाखों क़ी कमाई भी हो जाये| इसीलिये मुकदमे में कई अज्ञात दोस्तों का जिक्र नामजदगी के साथ किया गया हैं| हालांकि इलाके के लोग कह रहे हैं कि यहाँ पुलिस का काम अपराध रोकना नहीं बल्कि अपराधियों के लिए टाइमटेबल बनाना लगता है—‘आज मार लो, हम कल देखेंगे’। हालात ये हैं कि गुंडों की फुर्ती और पुलिस की सुस्ती में फर्क इतना है कि जैसे दोनों अलग-अलग ग्रहों से ताल्लुक रखते हों। जनता पूछ रही है—क्या पुलिस वर्दी पहनकर कानून बचा रही है या गुंडों की लापरवाही का पहरा दे रही है?
कहने को तों स्कूल और कॉलेजों के बाहर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने से लेकर ट्रैफिक प्रबंधन, छेड़छाड़ रोकथाम, आपराधिक घटनाओं से सुरक्षा और सामान्य कानून-व्यवस्था के लिए सरकार के विशेष आदेश जारी हैं। पुलिस सुरक्षा एवं कार्रवाई शून्य होने से अलीगढ़ के जिन स्कूल कालेजों में बच्चों का भविष्य गढ़ा जाना चाहिए, वहां डर और दहशत का माहौल है।

