छात्रों को विशिष्ट धार्मिक गतिविधि के लिए बाध्य करने और प्रधानाचार्य के 'देश विरोधी' विवादित बयानों पर गहरा आक्रोश
अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़| अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), अलीगढ़ महानगर ने आज डी.एस. बाल मंदिर विद्यालय के परिसर में हो रहे 'क्रिसमस डे' कार्यक्रम के खिलाफ ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया और विद्यालय की प्रधानाचार्य को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। परिषद ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया है कि यह कार्यक्रम छात्रों को एक विशिष्ट धार्मिक पंथ की ओर आकर्षित कर अप्रत्यक्ष रूप से गैर-शैक्षणिक धार्मिक कृत्यों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है, जो भारतीय शिक्षा के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है।
प्रदर्शन का विवरण एवं विवादित घटनाएँ
विरोध प्रदर्शन: अभाविप के कार्यकर्ताओं ने करीब आधे घंटे तक डी.एस. बाल मंदिर विद्यालय के मुख्य गेट के बाहर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान विद्यालय की प्रधानाचार्य और समस्त शिक्षकगण गेट के अंदर मौजूद थे।
प्रधानाचार्य का पहला विवादित बयान: प्रदर्शन के बीच, विद्यालय की प्रधानाचार्य ने विरोध को शांत कराने के उद्देश्य से अपने समर्थकों को फोन करना शुरू किया और साथ ही एक अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, "अभी 10 मिनट में सब शांत हो जाएगा, प्रधानमंत्री आ रहे हैं।"
1. आक्रोश: इस बयान से कार्यकर्ताओं और छात्रों का आक्रोश भड़क उठा और उन्होंने "विद्यालय प्रशासन शर्म करो" और "विद्यालय प्रबंधन मुर्दाबाद" जैसे नारे लगाना शुरू कर दिया। यह बयान प्रदर्शन को राजनीतिक रूप से प्रभावित करने का प्रयास माना गया।
विभाग संगठन मंत्री की चेतावनी: विभाग संगठन मंत्री विश्वेंद्र जी ने विद्यालय प्रशासन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह विवादित कार्यक्रम आयोजित किया गया, तो अभाविप यहाँ पर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
अभाविप के पदाधिकारियों का वक्तव्य
महानगर मंत्री पीयूष भारद्वाज का वक्तव्य: महानगर मंत्री पीयूष भारद्वाज ने स्पष्ट किया कि, "डी.एस. बाल मंदिर जैसे संस्थान, जिसकी स्थापना भारतीय संस्कृति और मूल्यों के संरक्षण के उद्देश्य से हुई थी, उसका इस प्रकार एक विशिष्ट पंथ से जुड़ी पोशाक और गतिविधि को मासूम छात्रों पर थोपना, सीधे तौर पर उन्हें एक धर्म विशेष की ओर आकर्षित करने और परोक्ष रूप से धार्मिक गतिविधियों में अनुचित रूप से शामिल करने जैसा गंभीर कृत्य है। यह कार्य अभिभावकों की भावनाओं और भारतीय शिक्षा प्रणाली के मूल सिद्धांतों के विपरीत है। हमारी मांग है कि यह कार्यक्रम तत्काल रोका जाए।"
महानगर सह-मंत्री जतिन आर्य का वक्तव्य: महानगर सह-मंत्री जतिन आर्य ने कहा, "एबीवीपी ने डी.एस. बाल मंदिर में 'क्रिसमस डे' पर छात्रों को सांता क्लॉज़ पोशाक पहनने के लिए बाध्य करने का पुरजोर विरोध किया है। यह छात्रों को एक विशिष्ट धार्मिक कृत्य में अनुचित रूप से शामिल करने जैसा है। एबीवीपी ने कार्यक्रम पर तत्काल रोक लगाने और विद्यालय को भारतीय संस्कृति पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है।"
ज्ञापन सौंपना और कार्यालय में बातचीत
विरोध प्रदर्शन के बाद, महानगर मंत्री पीयूष भारद्वाज और महानगर सह-मंत्री जतिन आर्य के नेतृत्व में अभाविप ने विद्यालय की प्रधानाचार्य को विरोध स्वरूप ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल: ज्ञापन लेने के बाद, प्रधानाचार्य ने अभाविप कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए अपने कार्यालय में बुलाया। प्रतिनिधिमंडल में अलीगढ़ विभाग संगठन मंत्री व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विश्वेंद्र जी, महानगर मंत्री पीयूष भारद्वाज, महानगर सह-मंत्री जतिन आर्य, हिमांक अरोरा, आकाश सिंह, और कुशल चतुर्वेदी शामिल थे।
प्रधानाचार्य का दूसरा विवादित बयान (देश-विरोधी टिप्पणी): कार्यालय में बातचीत के दौरान, प्रधानाचार्य ने एक और अत्यंत आपत्तिजनक और विवादित बयान दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, "आप सभी संगठन के कार्यकर्ताओं ने मेरे स्कूल को जैसे मुर्दाबाद कहा, ऐसे ही मैं अगर देश मुर्दाबाद कहूं तो आप क्या करेंगे?"
अभाविप का तत्काल विरोध: विभाग संगठन मंत्री विश्वेंद्र जी ने इस बयान का तत्काल विरोध करते हुए कहा कि, "हम सभी भारत माता के लिए, भारत माता की जय बोलने के लिए और अपने देश के लिए कार्य करते हैं।" अभाविप ने इस बयान को घोर आपत्तिजनक और देश के प्रति अपमानजनक माना है।
अभाविप की प्रमुख माँगें
ज्ञापन के माध्यम से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विद्यालय प्रशासन से निम्नलिखित माँगें की हैं:
1. विद्यालय में आयोजित होने वाले 'क्रिसमस डे' कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
2. यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में विद्यालय परिसर में किसी भी धर्म विशेष के ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन न हो, जो छात्रों को किसी विशेष धार्मिक विचारधारा को अपनाने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रेरित करते हों।
3. विद्यालय अपने मूल नाम 'धर्म समाज' के अनुरूप केवल भारतीय संस्कृति, नैतिकता और शिक्षा पर ही ध्यान केंद्रित करे।
अभाविप ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले पर तत्काल कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, तो परिषद छात्रों और भारतीय संस्कृति के हित में लोकतांत्रिक तरीके से बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विद्यालय प्रशासन की होगी।
प्रदर्शन में उपस्थित प्रमुख कार्यकर्ता: विभाग संगठन मंत्री विश्वेंद्र जी, महानगर मंत्री पीयूष भारद्वाज, महानगर सह-मंत्री जतिन आर्य, दुष्यंत गौतम, हिमांक अरोरा, आकाश सिंह, रजत गुप्ता, कुशल चतुर्वेदी, अनुज, दीपक, अमन, अंशु, पवन, आदि कार्यकर्ता एवं छात्र मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

