अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो, अलीगढ| जनपद के हरदुआगंज थाना इलाका में धड़ल्ले से हो रहे अवैध मिटटी खनन माफियाओ के संरक्षक बने जिला खनन अधिकारी की शिकायत निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तर प्रदेश समेत मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गयी है| हरदुआगंज इलाके के रहने वाले समाजसेवी पीकुमार ने ईमेल के जरिये जिला खनन अधिकारी के काले कारनामो और मिटटी खनन माफियाओ से उनके सम्बन्धो का चिट्ठा कुछ दस्तावेजों के साथ भेजा है|
इसकी इसकी प्रति जिलाधिकारी और एसएसपी अलीगढ को भी भेजी गयी है| आपको बतादें कि अवैध मिटटी खनन माफियाओ लिए हरदुआगंज इलाका सेफ जॉन बन गया है| भेजी गयी शिकायत में कहा गया है कि जिला खनन अधिकारी और स्थानीय लेखपालों की सेटिंग से मिटटी माफिया पहले उपजाऊ भूमि को ऊबड़खाबड़ दर्शाते हुए फर्जी तरीके से परमीशन जारी कराते है| और एक स्थान के लिए जारी की गयी परमीशन की आड़ में दर्जनों खेतो से मिटटी खनन होता है|
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि हरदुआगंज थाना पुलिस को मोटी महिनेदारी लेकर धड़ल्ले से मिट्टी खनन का कारोबार कर रहे है माफियाओ के वाहनों को बिना रोक टोक सैकड़ो पर दौड़ाने का ठेका लेती है| पैसे की चमक के आगे जिम्मेदार जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है| आलम यह है कि हरदुआगंज थाना इलाके की तालानगरी चौकी के गांव जारोठी में बिना परमीशन के ही नियमविरुद्ध उपजाऊ कृषि भूभाग से धड्ड्ले से मिटटी खनन कर रहे है|
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नियमो की बात करें तो मिटटी खनन में न सिर्फ उत्तर प्रदेश उपखनिज परिहार नियमावली २०२१ के नियम ३ में नियम 58 अनुसार अवैध मिटटी खनन करने के आरोपी को पांच साल की कैद पांच लाख रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों तक की सजा का प्राविधान है| लेकिन न तो पुलिस कभी कोई कार्रवाई कराती और न ही खनन विभाग| जिला प्रशासन में इन मिटटी माफियाओ की जड़ें इतनी मजबूत है कि एक भी मामले में किसी को आज तक सजा नहीं सुनाई गयी है|